काठमांडू। भारत सरकार ने 2 सितंबर से पूरे देश में जो नए आप्रवासन नियम लागू किए हैं उससे नेपाल और भूटान के नागरिकों को छूट दी गई है। नए नियम में किसी भी विदेशी नागरिक को भारत प्रवेश करने पर अनिवार्य रूप से फॉर्म सी भरने का निर्देश जारी किया गया है।

भारत के गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नए आप्रवासन नियमों से नेपाल और भूटान के नागरिकों को अलग रखा गया है। गृह मंत्रालय के इस नए नियम को लेकर नेपाल में संशय उत्पन्न होने के बाद काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर नेपाल और भूटान के नागरिकों को इस नए नियम से अलग रखने की जानकारी दी गई है।

भारतीय दूतावास ने साफ किया है कि भारत के गृह मंत्रालय के तरफ से 2 सितंबर से लागू नए आप्रवासन नियमों से नेपाल और भूटान के नागरिकों को अलग रखा गया है। इस बयान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भारत के गृह मंत्रालय द्वारा जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक नेपाल और भूटान के नागरिकों को नेपाल में प्रवेश करते समय पासपोर्ट या वीजा की कोई अनिवार्यता नहीं है।

नेपाल या भूटान के नागरिक अपने साथ गृह मंत्रालय द्वारा चिन्हित किसी भी परिचय पत्र के साथ भारत की यात्रा कर सकते हैं। इनमें पासपोर्ट या नागरिकता का प्रमाणपत्र या वोटर आईडी कार्ड में से कोई भी एक होने पर हवाई मार्ग या सड़क मार्ग से भारत में प्रवेश कर सकते हैं।

इसके अलावा 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए उनके स्कूल द्वारा जारी फोटो परिचय पत्र को मान्यता दिया गया है। साथ ही विशेष परिस्थिति में नई दिल्ली स्थित नेपाली या भूटानी दूतावास और काठमांडू और थिंपू स्थित भारतीय दूतावास के द्वारा जारी प्रमाण पत्र एक बार के लिए मान्य होगा।

भारतीय दूतावास द्वारा जारी सूचना में यह भी कहा गया है कि नए आप्रवासन कानून के तहत विदेश नागरिकों को भारत में प्रवेश करने के साथ ही जो फॉर्म सी भरने की अनिवार्यता है उससे भी नेपाली और भूटानी नागरिकों को अलग रखा गया है। नेपाल और भूटान के नागरिकों के लिए किसी भी प्रकार का फॉर्म एयरपोर्ट या होटल में भरना आवश्यक नहीं है।

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