Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, September 20
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»देश»विश्व की शांति और स्थिरता के लिए भारत का आत्मनिर्भर होना जरूरी : प्रधानमंत्री
    देश

    विश्व की शांति और स्थिरता के लिए भारत का आत्मनिर्भर होना जरूरी : प्रधानमंत्री

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 20, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    – चिप से शिप तक भारत में ही बनाने होंगे, कांग्रेस की नीतियों पर साधा निशाना
    भावनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विश्व की शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत को आत्मनिर्भर बनना ही होगा। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आत्मनिर्भरता को सबसे बड़ा मंत्र मानना होगा।

    प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के भावनगर में ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल भावनगर का नहीं, बल्कि पूरे भारत की दिशा तय करने वाला है।

    मोदी ने कहा, “140 करोड़ देशवासियों का एक ही संकल्प होना चाहिए—चिप (सेमीकंडक्टर) हो या शिप (जहाज), हमें भारत में ही बनाने होंगे। आत्मनिर्भर होने के अलावा भारत के पास कोई विकल्प नहीं है। हम दूसरों पर आश्रित रहेंगे तो हमारा आत्मसम्मान भी चोटिल होगा। भावी पीढ़ियों के भविष्य को दांव पर नहीं लगाया जा सकता।” उन्होंने कहा कि आज भारत समुद्री क्षेत्र में भी नेक्स्ट जेनरेशन सुधारों की ओर बढ़ रहा है। सरकार ने बड़े जहाजों को आधारभूत संरचना का दर्जा देकर इस क्षेत्र को मजबूती देने का ऐतिहासिक कदम उठाया है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में भारत का कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। सच्चे अर्थों में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वह है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता। यही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है और हमें मिलकर इसे खत्म करना होगा। जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता, उतनी ही ज्यादा देश की विफलता।

    मोदी ने जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भर भारत ही सभी समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा, “सौ दुखों की एक ही दवाई है और वह है आत्मनिर्भर भारत।”

    प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कांग्रेस की नीतियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भारत में सामर्थ्य की कभी कोई कमी नहीं रही, लेकिन कांग्रेस ने हमेशा देश के सामर्थ्य को नजरअंदाज किया। आजादी के छह-सात दशक बाद भी भारत वह सफलता हासिल नहीं कर पाया जिसका वह हकदार था। कांग्रेस ने लंबे समय तक देश को लाइसेंस राज में उलझाए रखा और वैश्विक बाजारों से अलग-थलग रखा। जब वैश्वीकरण का दौर शुरू हुआ तो उसने केवल आयात पर भरोसा किया और उसमें भी हजारों करोड़ रुपये के घोटाले किए। इन नीतियों ने हमारे युवाओं को नुकसान पहुंचाया।

    मोदी ने कहा कि भारत सदियों से विश्व की एक बड़ी समुद्री ताकत रहा है। भारतीय तटीय राज्यों में बने जहाज दुनिया भर के व्यापार को गति देते थे। 50 साल पहले तक हमारा 40 प्रतिशत व्यापार भारतीय जहाजों पर होता था, लेकिन कांग्रेस की गलत नीतियों से भारत का जहाज निर्माण उद्योग ध्वस्त हो गया। आज स्थिति यह है कि सिर्फ 5 प्रतिशत व्यापार ही भारतीय जहाजों पर होता है और बाकी 95 प्रतिशत के लिए हमें विदेशी जहाजों पर निर्भर रहना पड़ता है।

    उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत विदेशी शिपिंग कंपनियों को शिपिंग सेवाओं के किराए के रूप में लगभग 75 बिलियन डॉलर (करीब 6 लाख करोड़ रुपये) का भुगतान करता है, जो भारत के रक्षा बजट के लगभग बराबर है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब तक उसे पूरी तरह आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनना होगा। दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि हम न केवल अपने नागरिकों के भविष्य को सुरक्षित करें बल्कि विश्व की शांति और स्थिरता के लिए भी मजबूती से खड़े हों। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक आर्थिक रणनीति नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मसम्मान और वैश्विक दायित्व का भी हिस्सा है।

    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्मदिन की 75वीं वर्षगांठ (17 सितंबर) पर देश-विदेश से मिली शुभकामनाओं के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “देश और दुनिया से जो प्यार और आशीर्वाद मिला है, वह मेरी सबसे बड़ी संपत्ति है, मेरी ताकत है। मैं सार्वजनिक रूप से सभी महानुभावों का हृदय से धन्यवाद करता हूं।”

    मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा जयंती से गांधी जयंती तक पूरे देश में ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाया जा रहा है। गुजरात में भी रक्तदान शिविरों से लेकर बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान और स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन हो रहा है, जिनमें लाखों लोग भाग ले रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी से नवरात्रि और आगामी त्योहारों में बाजारों में रौनक और अधिक होगी। उन्होंने कहा, “आज मैं भावनगर ऐसे समय में आया हूं जब नवरात्रि का पर्व शुरू होने वाला है। इस उत्सवी माहौल में ‘समुद्र से समृद्धि’ का भव्य उत्सव भी हम मना रहे हैं।”

    कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कृष्णकुमार सीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “सरदार साहब के मिशन में शामिल होकर उन्होंने भारत की एकता में योगदान दिया। ऐसे महान देशभक्तों से प्रेरित होकर हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करते रहेंगे।”

    मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत समुद्र को बहुत बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। पोर्ट-लेड डेवलपमेंट को गति देने के लिए आज हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है। उन्होंने गुजरात और भावनगर के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह आयोजन पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। भारत समुद्र से समृद्धि की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले समय में यह क्षेत्र देश की आत्मनिर्भरता का बड़ा आधार बनेगा।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleखरगे ने ट्रंप के एच-1बी वीजा फीस वृद्धि को बताया भारत के लिए झटका
    shivam kumar

      Related Posts

      खरगे ने ट्रंप के एच-1बी वीजा फीस वृद्धि को बताया भारत के लिए झटका

      September 20, 2025

      राहुल गांधी ने वायनाड में दोहराया वोट चोरी का आरोप, जल्द खुलासे का दावा

      September 20, 2025

      गौरव गोगोई ने एच-1बी वीजा फीस वृद्धि पर ट्रंप प्रशासन की आलोचना की

      September 20, 2025
      Add A Comment
      Leave A Reply Cancel Reply

      Recent Posts
      • विश्व की शांति और स्थिरता के लिए भारत का आत्मनिर्भर होना जरूरी : प्रधानमंत्री
      • खरगे ने ट्रंप के एच-1बी वीजा फीस वृद्धि को बताया भारत के लिए झटका
      • ट्रंप की द न्यूयॉर्क टाइम्स के खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत खारिज
      • नेपाल में भारी बारिश और भूस्खलन से सात राजमार्ग अवरुद्ध
      • इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डोगर के खिलाफ पांच जजों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version