रांची। राजधानी रांची में दुर्गा पूजा को लेकर पंडालों का निर्माण शुरू हो गया है। हर इलाके में पूजा पंडाल का निर्माण कार्य शुरू है। पूजा समितियां एक से बढ़कर एक पंडाल का निर्माण करने में जुटी है। इसी क्रम में बड़ा तालाब स्थित राजस्थान मित्र मंडल इस साल दुर्गा पूजा में शिक्षा जरूरी है पर बचपन उससे ज्यादा के थीम पर पंडाल का निर्माण कर रहा है। बड़ा तालाब के पास करीब 45 लाख रुपये के खर्च से भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। राजस्थान मित्र मंडल ने दुर्गा पूजा में एक भावनात्मक थीम को चुना है, जिससे हर एक लोग अपने बचपन याद कर पाएंगे। पंडाल में एक ऐसा दृश्य दिखाया गया है, जहां एक बच्चा भारी बस्ते और लैपटॉप के साथ थका हुआ बैठा है। यह आज के बच्चों पर बढ़ते शिक्षा के दबाव और खोते बचपन की सच्चाई को दर्शाता है। पंडाल में मां दुर्गा के साथ भगवान गणेश, भगवान कार्तिक, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी विराजमान होंगी। मां दुर्गा के हाथ में छोटा बच्चा भी होगा। मूर्ति 12 फीट ऊंची होगी। इसके साथ पंडाल में पढ़ते बच्चों के 60 मॉडल मूर्तियां भी होंगी। पंडाल के बाहर मुख्य गेट के पास भारत मां की 7 फीट की ऊंची मूर्ति स्थापित होगी, जो अखंड भारत का संदेश देगी। मूर्ति रांची का मूर्तिकार पिंटू बना रहे हैं।
समिति के अध्यक्ष अशोक पुरोहित ने मंगलवार को बताया कि थीम का उद्देश्य है कि शिक्षा बोझ न बने और हर बच्चा अपना बचपन जी सके। बड़े शहरों और महानगरों की ओर रुख करने वाले खुद को स्वयं इससे जोड़ पाएंगे। 47 साल से पूजा का आयोजन धूमधाम से की जा रही है। उन्होंने बताया कि पंडाल को मेदनीपुर के 50 कारीगर बना रहे हैं। मेदनीपुर गांव की 60 महिलाएं पंडाल के लिए डिजाइन सहित अन्य वस्तुएं बना रही हैं। पंडाल का कार्य 50 प्रतिशत तक पूरा हो गया है।
उन्होंने बताया कि लाइटिंग में तीन लाख, पंडाल निर्माण में 35 लाख, प्रतिमा दो लाख और पूजा सहित अन्य पर 5 लाख कुल लागत लगभग 45 लाख आयेगा। उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को पंडाल का पट खुलेगा। अष्टमी को महाभोग, नवमी को खिचड़ी और दशमी को खीर का भोग लगाया जाएगा। साथ ही समिति की ओर से सवामणी भोग अष्टमी और नवमी को लगाया जाएगा। विसर्जन के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।
अध्यक्ष ने कहा कि अमेरिका की ओर से भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के विरोध में समिति पंडाल परिसर में अमेरिकन उत्पादों की बिक्री नहीं होने देगी और लोगों को स्वेदशी अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। पंडाल परिसर में दिशोम गुरु का फ्लैक्स लगाया जाएगा और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।