रांची। आजसू ने हेमंत सरकार पर वादख़िलाफ़ी का आरोप लगाया है। आजसू के महासचिव संजय मेहता ने आजसू पार्टी मुख्यालय, रांची में आयोजित प्रेस वार्ता में शुक्रवार को सरकार को आंकडों के जरिए युवाओं को नौकरी से वंचित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार अपने वादे अनुसार नौकरी देने में असफल रही है। इससे विवश होकर युवा हर मामले को लेकर कोर्ट जाने को विवश हैं।
संजय ने कहा कि पिछली बार भी सरकार ने हर साल पांच लाख रोजगार देने की बात कही थी। सरकार ने पांच साल में 25 लाख नौकरी और बेरोजगारी भत्ता देने का झूठ बोलकर युवाओं के भविष्य और सपनों को मार दिया। वहीं दूसरे कार्यकाल में भी सरकार नौकरी के मुददे पर झारखंड के युवाओं को ठग रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार किसी भी परीक्षा का पारदर्शी तरीके से आयोजन नहीं करा पायी है।
हर परीक्षा पड जाती है विवादों में
संजय ने कहा कि सरकार की ओर से आयोजित हर परीक्षा विवादों में पड जाती है। राज्य में परीक्षा माफिया सक्रिय हैं। पेपर लीक से युवा परेशान हैं। जेएसएससी सीजीएल के अंतिम परिणाम का प्रकाशन सरकार नहीं कर पा रही है। क्योंकि सरकार की सीआईडी जांच में विलंब हो रहा है।
उन्होंने कहा कि 2025 पदों में 2231 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए, जबकि परीक्षा में कुल तीन लाख चार हजार 769 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। उन्होंने सरकार से सीजीएल की निष्पक्ष जांच कर नियुक्ति प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की मांग की। संजय मेहता ने कहा कि सहायक आचार्य नियुक्ति मामले में 15,409 पद खाली रह गए हैं। सरकार ने सभी 26,001 पदों के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं किया है।
अभ्यर्थियों की मांगों को सुने सरकार
नॉर्मलाइजेशन की पद्धति पर अभ्यर्थियों ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को अभ्यर्थियों की मांगों को सुनना चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि उत्पाद सिपाही दौड़ में 17 युवाओं की मौत हो गई, लेकिन युवाओं की नौकरी का कोई पता नहीं है।
एक लाख 58 हज़ार 846 पद खाली
उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों में एक लाख 58 हजार 846 पद खाली हैं। लेकिन पिछले दो वर्षों में 2.07 लाख से अधिक स्वीकृत पद समाप्त हो गए। यह युवाओं के साथ धोखा है। 2025 में अब तक सरकार नौकरी के नाम पर ठगती रही है। लेकिन अब सरकार स्वीकृत पदों को ही घटा रही है।