पश्चिमी सिंहभूम। पश्चिमी सिंहभूम जिला स्थित जोजोहतु से केच्चाबाईपी तक बन रही अधूरी और जर्जर सड़क ने ग्रामीणों का परेशानी बढ़ा दी है। सड़क की दुर्दशा से परेशान ग्रामीणों ने अब आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। रविवार को अंजेड़बेड़ा गांव में आयोजित एक बैठक में विभिन्न गांवों के ग्रामीण मुण्डा, डकुवा और समाजसेवियों की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया कि यदि जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो विधायक, झारखंड सरकार के मंत्री और उपायुक्त के आवास का घेराव किया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता तमसोय जोन के अंजेड़बेड़ा ग्रामीण मुण्डा ने की। बैठक में सिंगीजारी, जोजोहतु, केच्चाबाईपी, तुम्बाहाका, सरजोमबुरु, पाटातारोब आदि गांवों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सिंगीजारी के मुण्डा लकेश्वर सुंडी ने बताया कि सड़क की हालत इतनी खराब है कि एम्बुलेंस सेवा तक नहीं मिल पा रही। कई बार फोन करने पर भी एंबुलेंस चालक गांव तक आने से मना कर देते हैं।
केच्चाबाईपी के मुण्डा कमल बनंसिंह ने बताया कि खराब सड़क की वजह से स्कूलों में मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) समय पर नहीं पहुंच पाता। कभी-कभी तो खाना आता ही नहीं, जिससे बच्चे भूखे पेट घर लौट जाते हैं। सरजोमबुरु के मुण्डा मांगता देवगन ने कहा कि गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र तो है लेकिन वहां न डॉक्टर आते हैं, न नर्स। पूछने पर जवाब मिलता है कि सड़क इतनी खराब है कि आना संभव नहीं।
पाटातारोब के मुण्डा आनंद बहन्दा ने बताया कि गांव में गर्भवती महिलाओं और गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर एवं निजी वाहन का सहारा लेना पड़ता है। सरकारी गाड़ी आधे रास्ते से आगे जाने से मना कर देती है और पैसों की भी वसूली करती है। मौके पर उपस्थित समाजसेवी रमेश बालमुचू ने कहा कि यदि हमारी मांगों पर सदर विधायक, मंत्री और उपायुक्त ध्यान नहीं देते हैं, तो हम सभी अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।
समाजसेविका बोआएं बिरुली ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि पदयात्रा कर डीसी और सदर विधायक के आवास का घेराव किया जाएगा। इस प्रस्ताव पर सभी ग्रामीणों ने सहमति जताई। हीरालाल हेम्ब्रोम ने मजदूरों को उचित मजदूरी नहीं मिलने का मुद्दा उठाया और प्रशासन से इसे जल्द दुरुस्त करने की मांग की। बैठक में अधिवक्ता महेंद्र जामुदा ने कहा कि सभी समस्याओं की जड़ अधूरी सड़क है। यदि जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान दें, तो हल निकाला जा सकता है।
इस आंदोलन की रूपरेखा में प्रमुख रूप से डेविड कलुन्डिया, कंदरा बुकुरु, सुनील पुर्ति, सिंगराय हंसदा, तुराम सुंडी, रामकृष्णा, प्रदान कारवां, मंगल सिंह तांती, कृष्णा बनसिंह, मगता पुर्ती, रसय देवगम, आनंद खडाईत सहित कई ग्रामीण शामिल थे।