नई दिल्ली: टाटा समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट के बीच आज बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 88 अंक टूटकर बंद हुआ। साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटाये जाने के बाद आज समूह की कंपनियों के शेयरों पर बिकवाली का दबाव था। मिस्त्री और टाटा समूह के बीच कानूनी लड़ाई की आशंका से निवेशकों की चिंता बढ़ी है। विदेशी निवेशक भी इससे चिंतित लगते हैं। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 8,700 अंक के नीचे आ गया।
इसके अलावा निवेशकों ने डरिवेटिव्स खंड में गुरूवार को अक्तूबर के वायदा सौदों की समाप्ति से पहले सतर्क रूख अपना रखा था। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 87.66 अंक या 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 28,091.42 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स कल 101.90 अंक मजबूत हुआ था। पचास शेयरों वाला नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 17.65 अंक या 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,691.30 अंक पर बंद हुआ। जियोजीत बीएनपी परिबा फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, कंपनियों के वित्तीय परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने तथा टाटा समूह के मसले को लेकर बाजार में नरमी आयी। निवेशकों की कंपनियों के वित्तीय नतीजे पर नजर है। साथ ही वायदा सौदों की समाप्ति समीप आने से भी उतार-चढ़ाव की आशंका है। टाटा समूह के शेयरों में बिकवाली देखा गया। यह बिकवाली खासकर मिस्त्री को चेयरमैन पद से कल हटाये जाने के बाद हुई है।
निफ्टी में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर तथा टीसीएस में बिकवाली दबाव देखा गया। ये शेयर 2.51 प्रतिशत तक नीचे आये। बीएसई में टाटा समूह की जिन अन्य कंपनियों में गिरावट दर्ज की गयी, उसमें टाटा एलेक्सिी 1.40 प्रतिशत, टाटा कम्युनिकेशंस, 2.26 प्रतिशत, इंडियन होटल्स, 3.16 प्रतिशत, टाटा केमिकल्स 2.09 प्रतिशत, टाइटन 1.19 प्रतिशत तथा टाटा मेटालिक्स 4.97 प्रतिशत शामिल हैं। वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में मिला-जुला रूख रहा।