आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ राज्य के आदिवासियों को एकजूट करने के लिए कांग्रेस ने चाईबासा से अपने अभियान की शुरुआत कर दी है.

सीएनटी-एसपीटी एक्ट मामले के बाद अब भूमि अधिग्रहण विधेयक और ऑन लाइन प्रमाण-पत्रों बनाने के राज्य सरकार के फैसले से कोल्हान के आदिवासी आज भी राज्य सरकार से काफी नाराज हैं. राज्य सरकार से नाराजगी का झारखंड मुक्ति मोर्चा भरपूर फायदा उठा रही है.

अब कांग्रेस भी इसी मुद्दे को लेकर कोल्हान के आदिवासियों को एकजूट करने के लिए अभियान शुरू कर रही है. कोल्हान में आलाकमान के निर्देश पर आदिवासी कांग्रेस प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम सुंदर हांसदा और झारखंड प्रदेश के आदिवासी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विनोद किस्फोट्टा ने चाईबासा का दौरा किया और कांग्रेस भवन में आदिवासी नेताओं के साथ लंबी बैठक की.

बैठक में कोल्हान के पूर्व सांसद, पूर्व विधायक समेत युवा और महिला आदिवासी नेता मौजूद रहे. आदिवासियों को फिर से कांग्रेस की तरफ भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए अपने-अपने सुझाव भी दिए. कोल्हान आदिवासी बहुल क्षेत्र माना जाता है और एक दशक पूर्व तक कोल्हान कांग्रेस का गढ भी रहा है.

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