नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने रुख में बड़ा परिवर्तन करते हुए सोमवार को ऐलान किया कि वह कश्मीर पर बातचीत शुरू कर रही है। नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार राज्य की समस्या को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने कहा था कि कश्मीर की समस्या का हल गोली या गाली से नहीं, बल्कि उनको गले लगाकर ही हो सकता है। गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने कश्मीर के दौरे के समय 87 डेलिगेशंस से बात की थी।
राजनाथ ने कहा, ‘जम्मू और कश्मीर में सस्टेंड डायलॉग शुरू किया जाएगा। IB के पूर्व डायरेक्टर दिनेश्वर शर्मा को भारत का स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव बनाया गया है। दिनेश्वर शर्मा जम्मू और कश्मीर में चुने हुए प्रतिनिधियों और पार्टियों से बात कर, उनकी आकांक्षाओं को समझेंगे। समाज के सभी वर्गों के साथ युवाओं का महात्वाकांक्षा को खास तवज्जो देंगे। फिर अपनी रिपोर्ट केंद्र और जम्मू-कश्मीर की सरकार को देंगे। दिनेश्वर शर्मा को कैबिनेट सेक्रेटरी का स्टेटस हासिल होगा।’ हुर्रियत के सवाल पर गृहमंत्री ने कहा, ‘किससे बात करनी है या नहीं, इसका अधिकार और आजादी दिनेश्वर शर्मा के पास होगी। वह जो उचित समझेंगे, उससे बात करेंगे। उन पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जिससे चाहें बात कर सकते हैं।’
राजनाथ ने कश्मीर समस्या के समाधान को सरकार का उद्देश्य बताया। उन्होंने कहा, ‘हम साफ नीति और नीयत से काम करेंगे ताकि कश्मीर का समाधान निकले। कश्मीर समस्या का समाधान हमारा उद्देश्य है। ऐसा व्यक्ति उपयुक्त होगा जिसका किसी पार्टी से संबंध न रहा हो।’ केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि रिपोर्ट देने के कोई टाइम लिमिट तय नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों ने कहा था कि बातचीत का सिलसिला शुरू होना चाहिए। राजनाथ ने कहा, ‘NIA स्वायत्त संस्था है। इस बार रिपोर्ट पर कार्यवाही होगी।’