चेन्नई :  पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत के कारण की जांच के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति ए अरुमुगास्वामी ने आज प्रभार संभाल लिया. राज्य सरकार ने दिवंगत जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थितियों की जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था.

एक सवाल के जवाब में न्यायमूर्ति अरुमुगास्वामी ने कहा कि जांच पारदर्शी ढंग से करायी जायेगी. राज्य सरकार ने 25 सितम्बर को उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था. न्यायमूर्ति अरुमुगास्वामी उन परिस्थितियों की जांच करेंगे जिसके कारण जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराना पडा था.
जयललिता की यहां अपोलो अस्पताल में 75 दिन के इलाज के बाद गत पांच दिसम्बर को मौत हो गयी थी. आयोग तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. ओ पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के विद्रोही धडे ने मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के धडे में विलय से पहले इस जांच की मांग की थी। इसके बाद 21 अगस्त को दोनों धडों का विलय हुआ था और पनीरसेल्वम राज्य के उपमुख्यमंत्री बने.
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