नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म होने के बाद पहली बार प्रणव मुखर्जी ने साक्षात्कार के दौरान अपने सियासी विचार खुलकर सामने रखे। कांग्रेस के 2014 आमचुनाव हारने से लेकर नोटबंदी, जीएसटी तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पीएम मनमोहन सिंह से अपने रिश्तों को लेकर बातचीत की।
प्रणव मुखर्जी ने कहा कि मनमोहन सिंह को पीएम बनाना सोनिया गांधी की सही और पहली पंसद थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में सीटों की गडबड़ी, गठबंधंन की कमजोरी को 2014 में आमचुनाव हारने की सबसे बड़ी वजह बताया।
बीजेपी सरकार और पीएम मोदी के बारे में पूछे गए सवाल पर मुखर्जी ने कहा कि ये कहना बिल्कुल सही नहीं होगा कि 132 साल पुरानी पार्टी फिर से सत्ता में नही आ सकती है। जीएसटी और अर्थव्यवस्था के बारे में अपनी राय व्यक्त करते हुए प्रणव मुखर्जी ने कहा कि मोदी सरकार को इन योजनाओं में ज्यादा बदलाव नहीं लाने चाहिए।
प्रणव मुखर्जी ने कहा कि शुरूआती दौर में सोनिया गांधी से उनके संबंध अच्छे थे लेकिन वाजपेयी सरकार बनने के बाद कुछ बदलाव देखने को मिला। उन्होंने कहा कि साल 2004 में सोनिया को पीएम बनाने के लिए ही देश की जनता ने वोट दिया था। लेकिन मनमोहन सिहं को पीएम बनाया गया।
जब मुखर्जी से मनमोहन सिंह को पीएम बनाने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं बिल्कुल नाराज नहीं हुआ क्योंकि मुझे ऐसा लगा मैं उस समय प्रधानमंत्री बनने के लायक ही नहीं हूं।