Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, May 11
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राजनीति»महाराष्ट्र: गिरता चुनावी ग्राफ,रीजनल पार्टियों की राजनीति खतरे में
    राजनीति

    महाराष्ट्र: गिरता चुनावी ग्राफ,रीजनल पार्टियों की राजनीति खतरे में

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीOctober 14, 2017No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    क्या रीजनल पार्टियों पर जनता को भरोसा नही रहा है? ये सवाल इसलिए उठा है, क्योंकि प्रादेशिक अस्मिता के मुद्दे पर राजनीति करने वाली पार्टियों का पिछले कुछ चुनावों में प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नही रहा है.

    महाराष्ट्र में हुए ताज़ा चुनाव के आंकड़े भी ये बयां कर रहे हैं. रीजनल पार्टी का वोट शेयर बुरी तरह नीचे खिसका है. दूसरी ओर राष्ट्रीय पार्टियां अपने पाले में ज्यादा वोट खींचने में कामयाब रही हैं.

    महाराष्ट्र के नांदेड़ महानगर पालिका चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत बिलकुल यही कहानी बयां करती है. पार्टी को 2012 में 40.41% वोट मिले थे, 2017 में ये बढ़कर 46.28% हो गया.

    बीजेपी की भले ही इस चुनाव में बुरी तरह हार हुई हो, लेकिन पार्टी के वोट शेयर में तेजी से इजाफा हुआ है. बीजेपी को 2012 में 3.81% वोट मिले थे, वहीं इस चुनाव में पार्टी के वोट शेयर में 21 फीसदी इजाफा हुआ. बीजेपी को कुल 24.64% वोट मिले है.

    दूसरी ओर वोट शेयर के मामले में रीजनल पार्टियों का प्रदर्शन, पार्टी नेताओं के लिए खतरे की घंटी है. सबसे पहले एनसीपी की बात करते हैं. 2012 में पार्टी को 16% वोट मिले थे. लेकिन इस बार वोट शेयरिंग का आंकड़ा गिरकर 3.65 फीसदी हो गया .

    महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता और हिंदुत्व का कार्ड खेलने वाली पार्टी शिवसेना का हाल भी बुरा है. 2012 में शिवसेना का वोट शेयर 18.5% था, जो आधे से भी घटकर 7% पर आ गया है. AIMIM की स्थिति और भी बुरी है. पिछली बार 22% वोट हासिल करने वाली पार्टी इस बार 7% पर आ गई है .

    महाराष्ट्र के दूसरे इलाक़ों में भी लोकल बॉडीज इलेक्शन के नतीजे राष्ट्रीय पार्टियों के पक्ष में हैं. मुंबई के भांडुप में हुए उपचुनाव में शिवसेना के गढ़ में पार्टी अपने वोट बैंक को साथ रखने में कामयाब नही हो पाई.

    साफ है कि रीजनल पार्टियों को अपनी रणनीति में बड़े बदलाव करने की ज़रूरत है. ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले वक्त में रीजनल पार्टियों के अस्तित्व पर बड़ा सवाल खड़ा हो सकता है.

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleगौरी के संदिग्ध हत्यारों का स्केच जारी
    Next Article ऐतिहासिक फैसला
    आजाद सिपाही
    • Website
    • Facebook

    Related Posts

    मंत्री सुदिव्य का बिरसा समाधि स्थल दौरा, विकास का दिया भरोसा

    May 10, 2025

    राज्यपाल ने दिया निर्देश, झारखंड में 2,420 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती जल्द हो

    May 8, 2025

    भारत ने पाकिस्तान को आतंकी हमले का सटीक और कड़ा जवाब दिया : सरयू राय

    May 7, 2025
    Add A Comment

    Comments are closed.

    Recent Posts
    • नापाक हरकतों से बाज नहीं आएगा पाकिस्तान, सीजफायर के कुछ घंटो बाद ही कर रहा ड्रोन अटैक, भारत दे रहा करारा जवाब
    • संघर्ष विराम हुआ लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कठोर रवैया जारी रहेगाः जयशंकर
    • संघर्ष विराम: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद के विशेष सत्र की मांग की
    • देश के लिए मर मिटने वाले जवानों को अपमानित किया जा रहा : बाबूलाल
    • मंत्री सुदिव्य का बिरसा समाधि स्थल दौरा, विकास का दिया भरोसा
    Read ePaper

    City Edition

    Follow up on twitter
    Tweets by azad_sipahi
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version