दिल्ली और एनसीआर में एक नवंबर तक पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध के खिलाफ व्यापारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट रोक को बरकरार रखा है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जिनके पास पटाखे है वो दिवाली की रात 11 बजे तक जला सकते है।

जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने पटाखों की बिक्री से रोक हटाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछला आदेश बदलने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर व्यापारियों ने नौ अक्टूबर के आदेश में संशोधन की मांग की थी। इस मामले में पटाखा व्यापारियों ने बुधवार को अदालत से इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। उनका कहना था कि वे पटाखे खरीदने में काफी पूंजी लगा चुके हैं और यदि प्रतिबंध जारी रहा, तो उनको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

जस्टिस एके सिकरी की पीठ ने कहा कि हम देख रहे हैं कि लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की है, इससे हम दुखी हैं। कोर्ट ने कहा कि लोग हमारे आदेश से दुखी है और वे अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं, इसने कोई समस्या नहीं है। जस्टिस सिकरी ने कहा कि लोग जानते है मैं बहुत धार्मिक हूं। कोर्ट ने यह तब कहा जब कोर्ट को बताया गया कि नेताओं ने कुछ बयान दिए हैं। कोर्ट ने इस राजनीति मत बनाइए।

अस्थाई पटाखा लाईसेंस व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि उन्हें एक नवंबर तक ही लाईसेंस मिला है। अगर वह पटाखे नहीं बेच सकेंगे तो उन्हें काफी नुकसान होगा।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने लोगों की सेहत और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी थी और दिवाली पर पटाखे बेचने के लिए जारी लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। अदालत ने कहा था कि एक नवंबर के बाद शर्तों के साथ पटाखों की बिक्री हो सकेगी।

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