नई दिल्लीः भारत की आधार पहल से प्रेरणा लेते हुए मलेशिया छल कपट और धोखाधड़ी से बचने के लिए कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी सब्सिडी देने के लक्ष्य के लिए अपनी राष्ट्रीय पहचान कार्ड प्रणाली में बदलाव लाना चाहता है। मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री एम कुला सेगारन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मई में कुआलालंपुर की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से उन मामलों में सहयोग की पेशकश की थी जिनमें आधार समेत कई मामलों में भारत को विशेषज्ञता हासिल है।

मलेशियाई कैबिनेट के सहयोग पर सहमति के बाद कुला सेगारन ने पिछले सप्ताह भारत जाने वाले देश के केन्द्रीय बैंक, वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों के मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों वाले एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। प्रतिनिधिमंडल ने यहां मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात की और इस बारे में जानकारी प्राप्त की कि क्या मलेशिया में आधार प्रणाली की कुछ विशेषताओं को अपनाया जा सकता है या नहीं।

कुला सेगारन ने कहा,‘‘हमने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सीईओ अजय भूषण पांडे से मुलाकात की। हमारे पास पहचान पत्र हैं (माईकैड के रूप में जाना जाता है), लेकिन (एक आधार जैसी प्रणाली को लाये जाने) के साथ प्रमुख लक्ष्य भुगतान में हेराफेरी और धोखाधड़ी को रोकना है और खास समूहों को लक्षित करना है।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी को देने के लिए आधार प्रणाली की तरह बैंक खातों को पहचान कार्डों से जोड़ा जा सकता है तो उन्होंने हां में जवाब दिया।

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