सवाल सुनते ही असहज हो गये मंत्री और अधिकारी
रांची। हातमा में जहरीली शराब की वजह से सात लोगों की मौत के बाद पूरा प्रशासनिक अमला हातमा में कैंप किये हुए है। बुधवार को राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, नगर आयुक्त मनोज कुमार, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय हातमा पहुंचे और मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
हातमा में जहरीली शराब में सात लोगों की मौत के बाद प्रशासन की गहरी नींद टूट चुकी है। मुख्यमंत्री आवास के नजदीक बस्ती में अवैध शराब का कारोबार कई सालों से फल-फूल रहा था, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। आखिरकार जहरीली शराब ने सात लोगों की जान ले ली। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के सामने एक महिला ने जब यह सवाल पूछ दिया कि सात लोगों की मौत के बाद में आखिर क्यों जागा प्रशासन, तो मंत्री जी असहज हो गये।
बस्ती के लोगों का, खास कर महिलाओं का यह कहना है कि अगर प्रशासन पहले ही चेत गया होता, तो सात लोगों की जान नहीं गयी होती।
मौके पर शराब कांड के शिकार हुए मृतकों के परिजन भी पहुंचे थे। उनमें से कई लोगों ने गुहार लगायी कि उनके पास तेरहवीं के लिए भी पैसे नहीं है। इसके बाद नगर विकास मंत्री ने सभी मृतक के परिजनों को रविवार को आवास पर बुलाया और कहा कि वह अपने पॉकेट से तेरहवीं के लिए पैसे देंगे। जहरीली शराब के शिकार लोगों में वैसे लोग भी शामिल हैं, जो अपने घरों के एकलौते कमाऊ सदस्य थे। मंत्री ने वैसे परिवार के एक सदस्य को नगर निगम में सफाई कर्मचारी की नौकरी देने का भरोसा दिलाया है।
शराबबंदी की तरफ बढ़ रहा झारखंड
इस दौरान नगर विकास मंत्री ने कहा कि झारखंड धीरे-धीरे शराबबंदी की ओर बढ़ रहा है। आज लोगों को लाइन में खड़ा होकर शराब की खरीदारी करनी पड़ रही है। हालांकि वहां पर मौजूद लोगों को यह समझ में नहीं आया कि आखिर किस रास्ते से झारखंड में शराबबंदी की जा रही है।
उत्पाद विभाग को करनी चाहिए कार्रवाई
मंत्री सीपी सिंह के अनुसार शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए उत्पाद विभाग को आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए, जो उनके द्वारा नहीं की जा रही है। अगर उत्पाद विभाग और प्रशासन सजग रहता, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। हालांकि इसके लिए समाज को भी आगे आना पड़ेगा।
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