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    Home»Breaking News»विधानसभा चुनाव: अमित शाह और राहुल गांधी पहुंचे एमपी
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    विधानसभा चुनाव: अमित शाह और राहुल गांधी पहुंचे एमपी

    azad sipahiBy azad sipahiOctober 15, 2018No Comments4 Mins Read
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    भोपाल। चुनाव शेड्यूल की घोषणा होते ही मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ने आक्रामक प्रचार शुरू कर दिया है। कांग्रेस जहां मध्य प्रदेश में 15 साल पुराने बीजेपी राज को खत्म कर 2019 के आम चुनावों से पहले बड़ा बूस्ट चाहती है तो बीजेपी किसी भी तरह सत्ता में वापसी की कोशिश में है। सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दोनों ही एमपी में मौजूद हैं। ऐसे में सवाल यह है कि एमपी में सत्ता हासिल करने का मंत्र क्या है? यह मंत्र एमपी का दिल माने जाने वाले मालवा और सेंट्रल मध्य प्रदेश में छिपा है।

    इस बार सारे ऑपिनियन पोल मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच नजदीकी लड़ाई दिखा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस को सत्ता में आने की कोशिश को हकीकत में बदलने के लिए मालवा और मध्य क्षेत्र की 86 विधानसभा सीटों पर दमदार ढंग से वापसी करनी होगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी से सवर्णों की कथित नाराजगी और किसानों की निराशा यहां कांग्रेस की मदद कर सकती हैं?

    सोमवार से होने वाले दो दिवसीय दौरे से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को पार्टी के जिलाध्यक्षों से फोन पर बातचीत की थी। उन्होंने जिलाध्यक्षों से कहा कि वे आपसी मतभेद भुलाकर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए काम करें। उन्होंने उनसे कैंडिडेट्स के बारे में सुझाव भी मांगे। इस विषय पर राज्य कांग्रेस के नेता पिछले सप्ताह दिल्ली में विचार-विमर्श कर चुके हैं।

    मालवा-सेंट्रल मध्य प्रदेश : पिछले चुनावों में बीजेपी का था जबर्दस्त प्रदर्शन
    राज्य का दिल माने जाने वाले मालवा और मध्य क्षेत्र में 86 सीटें हैं। यहीं कांग्रेस को सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस को सत्ता हासिल करने के लिए उज्जैन, इंदौर और भोपाल समेत 10 जिलों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। 2013 में कांग्रेस ने मालवा और सेंट्रल रीजन की 86 सीटों में से अब तक की सबसे कम सिर्फ 10 जीती थीं। इससे पहले राज्य के इस मध्य भाग से उसने 30 सीटें हासिल की थीं।
    इन दोनों क्षेत्रों में बीजेपी ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए 50 फीसदी से अधिक वोट पर कब्जा किया था। मालवा रीजन की 50 सीटों में से 45 पर बीजेपी का कब्जा है। कांग्रेस के हिस्से में 39 फीसदी वोट के साथ सिर्फ 4 सीटें आईं। कांग्रेस ने 2008 में यहां 22 सीटें जीती थीं। मध्य क्षेत्र की 36 सीटों के 52 फीसदी वोट पर कब्जा कर बीजेपी ने 29 सीटें हासिल कीं। राज्य के किसी क्षेत्र में बीजेपी के लिए यह सबसे अधिक वोट प्रतिशत रहा।

    कांग्रेस को यहां 38 फीसदी वोट के साथ सिर्फ 6 सीटें मिलीं। 2008 में उसने यहां से 8 सीटें जीती थीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मध्य क्षेत्र की बुधनी सीट से विधायक हैं। इंदौर के वरिष्ठ बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और सुमित्रा महाजन की मालवा क्षेत्र में अच्छी पकड़ है।

    क्या किसानों और सवर्णों की नाराजगी का नुकसान उठायेगी बीजेपी?
    मालवा क्षेत्र के मंदसौर में पिछले साल किसानों पर पुलिस की फायरिंग और इसी रीजन के उज्जैन में सवर्णों के प्रदर्शन ने कांग्रेस को एक मौका उपलब्ध कराया है। ओपिनियन पोल दर्शा रहे हैं कि इस समय कांग्रेस मालवा में नजदीकी लड़ाई में शामिल हो चुकी है। पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘अगर हमें मध्य प्रदेश को जीतना है तो पहले हमें मालवा और मध्य क्षेत्र में जीत हासिल करनी होगी। यहां कड़े प्रयास की आवश्यकता है और पार्टी एक योजना पर विचार-विमर्श कर चुकी है।’

    नेताओं का मंदिर-मंदिर दर्शन
    मालवा क्षेत्र की पहचान एक धार्मिक केंद्र के रूप में भी है। इस रीजन के उज्जैन जिले में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, जबकि ओंकारेश्वर जिले में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है। मुख्यमंत्री ने अपनी जन आशीर्वाद यात्रा शुरू करने से पहले महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन किया था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी यहां गए थे। बीजेपी अपने किले को बचाने के लिए मालवा और मध्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है।

    राहुल का गुजरात मॉडल
    राहुल गांधी का मध्य प्रदेश में कैंपेन गुजरात के विधानसभा चुनाव की तरह ही है। यहां भी वह मंदिरों में जाकर दर्शन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में सवर्णों के प्रदर्शन के चलते कांग्रेस को यह लग रहा है कि ब्राह्मण मतदाता वापस उसके पाले में आ सकते हैं। इससे बीएसपी के साथ गठबंधन की उसकी असफल कोशिश का असर भी खत्म हो सकता है। इस महीने के अंत में मालवा क्षेत्र में कैंपेन के दौरान राहुल गांधी भी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करेंगे

    राहुल एमपी में शाह
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