रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में संपन्न राज्य कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। कैबिनेट ने राज्य सरकार के कर्मियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में दो फीसदी की वृद्धि की है। पहले राज्यकर्मियों और पेंशनभोगियों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता था, अब नौ प्रतिशत मिलेगा।
अपर मुख्य सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि महंगाई भत्ता एक जुलाई 2018 से प्रभावी होगा। इस निर्णय से क्रमश: 243 करोड़ और 107 करोड़ के अतिरिक्त व्यय का भार सरकार पर पड़ेगा। राज्य सरकार ने सरकारी अधिकारी-कर्मी को गलत निर्धारण के फलस्वरूप वेतन और विभिन्न भत्तों के रूप में अधिक किये गये भुगतान की वसूली के लिए नियमावली पर अपनी मंजूरी दी है। रहाटे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में जजमेंट दिया था, उसी के आलोक में राज्य में ऐसी नीति बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि जजमेंट के आधार पर पांच परिस्थितियों का उल्लेख किया गया, जिसमें राशि वसूली नहीं की जा सकेगी।
इन कर्मियों से नहीं होगी वसूली : नियमावली में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी को उसके हकदारी से अधिक वेतन या भत्ता का भुगतान किया गया और संबंधित पदाधिकारी-कर्मचारी की भूमिका नहीं हो, तो ऐसे मामलों में अधिक राशि की वसूली नहीं की जा सकेगी। साथ ही वर्ग तीन एवं चार के सरकारी सेवकों से, रिटायर्ड सरकारी सेवक अथवा एक साल के अंदर रिटायर होने वाले सरकारी सेवक से या उन सरकारी सेवकों से जिन्हें पांच वर्ष से अधिक अवधि के लिए भुगतान कर दिया गया हो समेत कुछ अन्य मामलों में वसूली नहीं करने की नीति बनायी गयी है। रहाटे ने बताया कि इस दायरे में वैसे लोग आयेंगे, जिन्होंने जानबूझ कर कुछ जानकारी छुपायी हो और इस तरह का लाभ लिया हो।
वसूली नहीं करनेवालों की अनुशंसा करेगी कमेटी : वहीं वसूली नहीं करनेवाले मामलों की अनुशंसा के लिए हर विभाग में एक तीन सदस्यों की समिति गठित करने का भी प्रस्ताव है। इसके अध्यक्ष विभाग विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव या सचिव होंगे और सदस्य आंतरिक वित्तीय सलाहकार और योजना समिति विभाग के प्रतिनिधि होंगे।
कोर कैपिटल के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 103 करोड़
वित्तीय वर्ष 2018-19 में कोर कैपिटल एरिया साइट-1 (एचइसी क्षेत्र) में बन रही बिल्डिंग के लिए आधारभूत संरचना सड़क, विद्युत आपूर्ति एवं पेयजलापूर्ति के लिए 103 रुपये की स्वीकृति दी गयी। इसके अलावा सरकार ने झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए) अधिनियम, 2001 में दिव्यांगजन एवं महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण में संशोधन के लिए अध्यादेश-2018 की स्वीकृति दी गयी। इसके तहत महिलाओं को पांच प्रतिशत और दिव्यांगों को चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।