रांची। गोड्डा की नाबालिग पहाड़िया जाति की बच्ची (15 साल) बुधवार की सुबह जिंदगी की जंग हार गयी। रिम्स में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। इस बच्ची पर मानव तस्कर प्रभा मुनि ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। यह वही बच्ची थी, जिसने हिम्मत जुटा कर प्रभा मुनि के काले कारनामे की पोल खोली थी।
नाजुक थी बच्ची की स्थिति
25 सितंबर को दिल्ली से रेस्क्यू कर रांची लायी गयी थी। इसके बाद उसे उसके घर गोड्डा भेज दिया गया। बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर पुन: रांची लाया गया और तीन अक्टूबर को रिम्स में भर्ती कराया गया। यहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। मंगलवार को उसके स्वास्थ्य को लेकर गठित मेडिकल बोर्ड की बैठक हुई थी। हालांकि डॉक्टरों ने इसे बचाने का हरसंभव प्रयास किया।
हृदय की गति काफी तेज थी
मेडिकल बोर्ड की बैठक में कहा गया था कि बच्ची की स्थिति चिंताजनक है। उसका ब्लड प्रेशर काफी कम है, जो रिकार्डेबल नहीं है। मरीज का पल्स भी धीमा है और हृदय की गति काफी तेज है। ऐसे में मरीज की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है। फिलहाल, रिम्स में ही मरीज का उपचार किया जायेगा।
निधि खरे ने एयर एंबुलेंस से बाहर भेजने का दिया था निर्देश
बच्ची की स्थिति बिगड़ती देख स्वास्थ्य पर स्वास्थ्य विभाग की सचिव निधि खरे ने बच्ची को दिल्ली में इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से भेजने का निर्देश रिम्स को दिया था। उन्होंने रिम्स निदेशक को भेजे पत्र में कहा था कि बच्ची को एयर एंबुलेंस से भेजा जाये। एयर एंबुलेंस का खर्च रिम्स खुद वहन करे। बुधवार को ही इसे एयर एबुलेंस से बाहर भेजा जाना था।
फरीदाबाद में भी हॉस्पिटल में रही थी भर्ती
25 सितंबर को दिल्ली से 16 बच्चियों को झारखंड लाया गया था। उसमें से दो बच्ची गोड्डा की थी। उसी में से एक यह बच्ची भी थी, जिसके साथ बलात्कार हुआ था और जान से मारने की कोशिश की गयी थी। फरीदाबाद में घटना होने के बाद बच्ची छह महीने वहां के हॉस्पिटल में भी रही थी।