अजय शर्मा
रांची। झारखंड में पदस्थापित सीमा सुरक्षा बल के उप समादेष्टा अजय पाल की परेशानी बढ़ गयी है। मवेशी लदी गाड़ियों को पकड़ने और उनसे पैसा लेकर छोड़ने के मामले में उनकी भूमिका पायी गयी और उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है। उनकी सेवा झारखंड सरकार बीएसएफ को वापस कर रही है। इस संबंध में झारखंड के गृह विभाग में पदस्थापित संयुक्त सचिव अनिल कुमार सिंह ने बीएसएफ के डीजी को पत्र भेज दिया है।
क्या है मामला : झारखंड के कोडरमा जिला में एएसपी अभियान के पद पर बीएसएफ के कमांडेंट अजय पाल पदस्थापित हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने चंदवारा और तिलैया थाना क्षेत्र में मवेशी लदी गाड़ियों की चेकिंग के दौरान हस्तक्षेप कर गाड़ियों को छुड़वाया। इस आरोप की जांच हजारीबाग के डीआइजी पंकज कंबोज ने की। जांच में आरोप की पुष्टि भी हुई। इसके बाद उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है। इसके पहले भी उन पर कई आरोप लगे थे, जिसमें क्रशर मालिकों से पैसा वसूलने का मामला भी शामिल है।
प्रतिनियुक्ति पर हैं अजय पाल: उप समादेष्टा प्रतिनियुक्ति पर झारखंड में पदस्थापित हैं। उग्रवादग्रस्त राज्य होने के कारण सीआरपीएफ और बीएसएफ के 18 अधिकारियों को यहां प्रतिनियुक्त किया गया है। अलग-अलग जिलों में एएसपी अभियान के पद पर पदस्थापित किया गया है। इनका काम संबंधित जिला में नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान की अगुवाई करना है।
कई एएसपी रहे हैं विवाद में : एएसपी अभियान के पद पर पदस्थापित कई अधिकारी पहले भी विवाद में रहे हैं। इसमें खूंटी, रांची, चाईबासा भी शामिल हैं। इन अधिकारियों पर आरोप था कि वे पैसे की वसूली करते थे और आम लोगों को हड़काते थे।
डीआइजी अखिलेश जायेंगे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर
रांची। विशेष शाखा में डीआइजी के पद पर कार्यरत अखिलेश कुमार झा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जायेंगे। वे इडी में संयुक्त निदेशक प्रशासन के पद पर पदस्थापित होंगे। उन्होंने कुछ माह पहले ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा जाहिर की थी। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उन्हें केंद्र में जाने की अनुमति मिल जायेगी।