हजारीबाग। नाबालिग बच्ची से घरेलू काम कराने और पैसा चोरी का इल्जाम लगाकर उसकी बेरहमी से पिटाई करने के मामले में पीड़िता प्रीति लकड़ा (14) के बयान पर बुधवार को सदर थाना कांड संख्या 339/19 दर्ज कर लिया गया है। इसमें बड़कागांव बीडीओ राकेश कुमार और उनकी पत्नी को आरोपी बनाया गया है। यह मामला चाइल्डलाइन की पहल पर दर्ज कराया गया है। सदर एसडीपीओ कमल किशोर और थाना प्रभारी नीरज कुमार सिंह ने सदर अस्पताल के बंद कमरे में पीड़िता का बयान दर्ज कराया। बच्ची और उसके परिजनों ने बताया कि उसके साथ मारपीट की गयी है। गर्म आयरन से उसे दागा गया है। मामले में पुलिस गुरुवार तक अपनी पर्यवेक्षण रिपोर्ट दाखिल करेगी। एसडीपीओ ने कहा कि दोषी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जायेगा।
इस मामले का कैलाश सत्यार्थी चिल्डेंÑस फाउंडेशन ने भी संज्ञान लिया है। सदर अस्पताल में बच्ची से मिलने पहुंचे फाउंडेशन के वरिष्ठ कार्यकर्ता गोविंद खनाल ने कहा कि बीडीओ और उसकी पत्नी के साथ दलाल विनय महतो के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में भी मामला दर्ज कराया जायेगा। इस मामले में राष्टÑीय बाल संरक्षण आयोग को भी जानकारी दे दी गयी है। अगर आरोपियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो फाउंडेशन मामले को आगे ले जायेगा। कोडरमा के जिला समन्वयक हेमांग चौबे भी टीम में मौजूद थे। रांची से आये राज्य कार्यक्रम समन्यवक ब्रजेश मिश्र ने कहा कि आइपीसी की धारा 370 (7) भी जोड़ा जायेगा। चूंकि प्रशासनिक अधिकारी पर आदिवासी नाबालिग को प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगा है। बीडीओ प्रखंड में चाइल्ड हेल्पलाइन के नोडल पदाधिकारी होते हैं और उनके द्वारा ही ऐसा किया जाना शर्मनाक है।

मामले को दबाने का प्रयास, 20 लाख और अन्य सरकारी लाभ दिलाने का दिया गया प्रस्ताव
जहां एक ओर कई सामाजिक संगठनों के लोग बच्ची को न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत थे, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग मामले को रफा-दफा करने के लिए हर हथकंडा अपनाते रहे। कुछ दलालों ने तो परिजनों को 20 लाख रुपये देने, वेलोर में इलाज कराने और सरकारी आवास और अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने का भी प्रलोभन दिया। वे बच्ची को रांची रेफर कराना चाह रहे थे। लेकिन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन और चाइल्ड लाइन के विरोध के बाद उनकी मंशा धरी की धरी रह गयी। बाद में बच्ची को पुलिस की सुरक्षा मुहैया करायी गयी।

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