रांची। झारखंड कांग्रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय और प्रदेश अध्यक्ष रह चुके डॉ अजय कुमार के बीच हुए संघर्ष का असर अभी कम ही हुआ था कि एक बार फिर कांग्रेस के अंदर नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गयी है। इस बार सुबोधकांत सहाय ने दिल्ली के हाकिम और प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन को लेकर विपक्षी नेताओं से बात करनेवालों को झारखंड की जमीन हकीकत का पता नहीं है। उन्होंने पूछा है कि आखिर क्यों उनके नेतृत्व में कई प्रदेश स्तरीय नेता पार्टी छोड़ दूसरे दलों में जा रहे हैं। सुबोधकांत ने ये बातें अपने आवास पर मीडिया से कही। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व से मांग की कि रांची विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को उतारा जाये। हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी की हार के बाद प्रदेश सगंठन में बदलाव की मांग करते हुए कहा है कि यह सोचने की बात है कि दिल्ली के हाकिम के नेतृत्व में पार्टी छोड़नेवाले नेता अपने आप को क्यों असुरक्षित महसूस कर रहे थे। आरपीएन सिंह पर सवाल खड़ा करते हुए सुबोधकांत ने कहा कि दिल्ली से आने वाले नेता महागठबंधन की बात कह कर वापस चले जाते है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मीडिया से इस बातचीत का पता चलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बातचीत करनेवाले नेता को जमीन की प्राथमिकता का पता नहीं है। महागठबंधन को लेकर उन्होंने बाबूलाल मरांडी और हेमंत सोरेन के मतभेद को दूर करने का काफी प्रयास किया था। सुबोधकांत ने कहा कि झारखंड कांग्रेस में अगर सुधार नहीं हुआ, तो परिणाम क्या होगा, सभी जानते हैं।
महागठबंधन की बात करनेवाले नेताओं को जमीनी हकीकत पता नहीं
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