शिकारीपाड़ा से गुरुजी को उतारने पर विचार
रांची। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा आंतरिक और बाह्य कलह से जूझ रहा है। एक ओर जहां कुछ विधायक भाजपा का दामन थामने को तैयार बैठे हैं, वहीं दूसरी तरफ मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन के परिवार में भी सीट बंटवारे को लेकर शीतयुद्ध चल रहा है। झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के सबसे छोटे पुत्र बसंत सोरेन इस बार दुमका विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जबकि हेमंत सोरेन भी अपनी दावेदारी नहीं छोड़ना चाहते।

दो सीटों पर लड़ने को तैयार हेमंत
हेमंत सोरेन पिछले विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी दो सीटों दुमका और बरहेट से किस्मत आजमाना चाहते हैं। पिछली बार वे दुमका से हार गये थे, जबकि बरहेट से उन्हें जीत मिली थी। शिबू परिवार में इस बात को लेकर तकरार चल रही है कि हेमंत दो सीटों से चुनाव क्यों लड़ेंगे। दरअसल बसंत सोरेन अरसे से राजनीति में स्थापित होने की जुगत में हैं।

बसंत की दावेदारी से परिवार में बढ़ी परेशानी
बसंत के राज्यसभा जाने का उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। फिलहाल उनका पूरा जोर दुमका की दावेदारी पर है। उधर शिबू सोरेन को विधानसभा चुनाव में शिकारीपाड़ा सीट से उतारने पर भी विचार चल रहा है। झामुमो प्रमुख के परिवार में उनकी लोकसभा चुनाव के दौरान दुमका से हार का ठीकरा भी हेमंत सोरेन के मत्थे फोड़ा जा रहा है।

दिल्ली में दल बदल को पहनाया जायेगा अमलीजामा
झामुमो के कुछ विधायक जल्द ही पाला बदलेंगे। भाजपा में इनके शामिल होने की उल्टी गिनती आरंभ हो चुकी है। ये विधायक दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में दल में शामिल होने की घोषणा करेंगे। मांडू के विधायक जेपी पटेल पहले ही बगावत का बिगुल फूंक चुके हैं। कांग्रेस के कुछ विधायक भी इसी मौके की तलाश में हैं।

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