रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास के धनबाद में कोयला तस्करों के खिलाफ दिये गये बयान के बाद हड़कंप मच गया है। तस्कर परेशान हैं कि अगर सही में कोयला तस्करी बंद हो गयी, तो उनकी परेशानी बढ़ जायेगी। इस तस्करी में कोयला तस्करों के अलावा सत्ता और विपक्ष के कई नेता शामिल हैं। सीआइडी ने भी इस संबंध में जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें तस्करों के नाम हैं, साथ ही संरक्षण देनेवाले राजनेताओं के नाम भी शामिल हैं। अभी धनबाद, रामगढ़, हजारीबाग अदि क्षेत्रों में कोयला तस्करी चरम पर है। यहां संगठित होकर तस्करी कराया जा रहा है। इसमें राजनेताओं के अलावा कई पुलिस अफसर भी शामिल हैं। कहा जाता है कि इसमें नक्सलियों की मिलीभगत भी है। इतना ही नहीं, कोयला तस्करी का कमीशन कोल इंडिया के कई अधिकारियों तक जाता है। अभी हाल ही में धनबाद पुलिस में थानेदारों का बड़ा फेरबदल हुआ। संगठित कोयला तस्करी के लिए वैसे थानेदारों को कोयला तस्करी में माहिर माने जाते हैं। धनबाद के बगल में बंगाल पड़ता है। यहां के कई बड़े कोयला तस्कर धनबाद से कोयला बंगाल ले जाते हैं। इसके लिए कई आला पुलिस अधिकारियों और नेताओं को मोटी रकम दी जाती है। इसकी जांच अलग से चल रही है। सीएम के बयान के बाद पुलिस अधिकारी भी परेशान हैं कि उन्होंने तस्करों से जो पैसा ले रखा है, उसका क्या होगा।
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