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    Home»Top Story»आने वाले 60 दिन कड़ी मेहनत और तपस्या के हैं
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    आने वाले 60 दिन कड़ी मेहनत और तपस्या के हैं

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskOctober 16, 2019No Comments3 Mins Read
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    सिमरिया। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि आने वाले 60 दिन तपस्या के हैं। कड़ी मेहनत के हैं। जनसाधारण बनकर ही सही, इसे जीत जाइये। और राजनीति की परिपाटी बदलने का वाहक बन जाइये। इसके साथ ही दशकों से वोटर भर बने रहने के मिथक तोड़ डालिये। गरीब गुरबों के जीवन में आमूलचूल बदलाव के लिए और लोकतंत्र तथा राजनीति में आम लोगों का विश्वास स्थापित करने के लिए राजनीति को अपने हाथों में लेना होगा। चूल्हा प्रमुख इसकी शुरुआत करें, इसकी मुनादी करने हम सिमरिया पहुंचे हैं। मंगलवार को सिमरिया के कर्बला मैदान में पार्टी के चूल्हा प्रमुखों के सम्मेलन में आजसू अध्यक्ष ने ये बातें कहीं। इस सम्म्लेन में सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के 77 पंचायतों और 419 बूथों से 10 हजार 475 चूल्हा प्रमुखों ने भाग लिया। नयी सोच के तहत पार्टी की नीति, विचारधारा और इरादे को घर-घर पहुंचाने के लिए सुदश महतो ने प्रत्येक साधारण कार्यकर्ता को चूल्हा प्रमुख की जिम्मेदारी दी है। इनमें महिलाएं भी बड़ी तादाद में शामिल हैं।

    18 दिनों में ही बदल गयी हवा
    सुदेश महतो ने कहा कि 27 सितंबर को बूथ प्रभारियों का सम्मेलन भी इसी सिमरिया से प्रारंभ किया था। 18 दिनों बाद चूल्हा प्रमुखों के सम्म्लेल में भाग लेने आये हैं। हम यह शिद्दत से महसूस कर रहे हैं कि 18 दिनों में ही हवाएं बदली है और संकल्प के साथ तैयारियां आगे बढ़ती जा रही हैं। आपने हर परिवार से क्या संबंध बनाया है और जनसाधारण के बीच बैठक कर आपने क्या काम किया है उसे भी परखेंगे।

    चूल्हा प्रमुख सबसे अहम कार्यकर्ता होंगे
    उन्होंने कहा कि दस हजार चूल्हा प्रमुख हमारे लिए सबसे अहम कार्यकर्ता होंगे। चूल्हा प्रमुख को शीर्ष कार्यकर्ता के तौर पर गिना जायेगा। हमने तय कर लिया है कि प्राथमिकता उसे देंगे जिस पर जवाबदेही बड़ी है। अब आपके महत्व को हमने बड़ा कर दिया है। आपका आइकार्ड जारी होगा। आज आप साधारण कार्यकर्ता बनकर आये हैं, लेकिन यहां से एक शक्ति लेकर जायें।

    प्रत्येक चूल्हा प्रमुख पर 17 वोटर और पांच चूल्हा की जिम्मेदारी
    उन्होंने कहा कि राजनीति में आम आदमी को महज वोटर समझा जाता है। मौजूदा राजनीति में नेतृत्व करना जनसाधारण के लिए नहीं रह गया है। परिपाटी बनी है कि राजनीति में साधन संपन्न और जिसके पास लंबा अनुभव और जो बड़ा नाम वाला हो, वही प्रभावी हो सकता है। लेकिन हम इस धारणा को बदलने की कोशिशों के साथ इसे साधारण व्यवस्था में लाये हैं। चूल्हा प्रमुख यानी आपके माध्यम से विधानसभा क्षेत्र में हर आम लोगों तक पहुंचने और सिमरिया के एक लाख 65 हजार वोटरों के बीच जाने की तैयारी है। एक-एक चूल्हा प्रमुख पर 17 वोटरों और चार-पांच चूल्हा का भार रहेगा। महतो ने कहा जनसाधारण को अब तक ये अनुभव नहीं हो पाया कि शासन प्रशासन में शामिल लोग आपकी सेवा के लिए हैं। आखिर क्यों नहीं हो पाया। शासन का विश्वास आम जनता के बीच स्थापित हो, इस जिम्मेदारी को चूल्हा प्रमुख अपने हाथ में लें।

    हमारा-आपका मकसद आमूलचूल परिवर्तन लाना है
    सुदेश महतो ने कहा कि ये मुहिम एक-दो दिन के लिए नहीं है। चूल्हा प्रमुखों का मकसद सिर्फ विधायक बनाना नहीं है। आपका काम हर उस परिवार के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाना है। साधारण परिवार के मत को विश्वास में बदलना है। लोकतंत्र और राजनीति में लोगों का विश्वास हो। यह कर दिखाना है। मनोज चंद्रा आपकी अगुवाई कर रहे हैं। तो उनके हाथों को मजबूत कीजिये वे किसी का भी भरोसा नहीं तोड़ेंगे। सम्मेलन में मनोज चंद्रा, देवशरण भगत, रोशन लाल चौधरी, विकास राणा, नजरूल हसन हाशमी समेत पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद थे।

    The coming 60 days are of hard work and penance
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