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    Home»Top Story»सिस्टम से ऊपर हैं झारखंड के दबंग दारोगा-इंस्पेक्टर
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    सिस्टम से ऊपर हैं झारखंड के दबंग दारोगा-इंस्पेक्टर

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskOctober 30, 2019No Comments3 Mins Read
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    अजय शर्मा
    रांची। झारखंड में दबंग दारोगा और इंस्पेक्टर सिस्टम से ऊपर हैं। इन पर पुलिस का काई नियम लागू नहीं है। ऐसे दारोगा और इंस्पेक्टर को पुलिस मुख्यालय में पदस्थापित सीनियर पुलिस अधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त है। यही वजह है कि ये दबंग पुलिस अधिकारी नियमों को ठेंगा दिखाकर मनचाहे जिलों में जाते हैं और फिर उस जिला में मनचाहे थाना के प्रभारी बने हैं। अगर थाना सूट नहीं किया, तो नियम से पहले दो-चार माह के अंदर ये दूसरे थाने में चले जाते हैं। तीन माह के अंदर अलग-अलग जिलों में और पुलिस मुख्यालय से जो तबादले हुए, उनमें से 80 फीसदी इंस्पेक्टर उसी जिले में वापस भेज दिये गये हैं, जहां वे दारोगा के रूप में कई थानों के प्रभारी रह चुके हैं।
    पैरवी और पैसा नहीं, तो नक्सलग्रस्त जिला
    पुलिस के बनाये सारे नियम उन अधिकारियों पर लागू हैं, जिनके पास न तो पैसा है और और न पहुंच। सीनियर पुलिस अधिकारी सारे नियम इन्ही पर थोपते हैं। इन्हें कभी बेहतर जिला जाने का मौका नहीं मिलता। कुछ पुलिस अधिकारियों ने रांची, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर में ही अपनी पूरी सेवा व्यतीत कर दी।
    अपराध रोकने के नाम पर तबादला
    अपराध रोकने के नाम पर जमशेदपुर और रांची में 25 इंस्पेक्टर भेजे गये। ये अधिकारी कभी वही हैं, को कभी दारोगा के रूप में इन दोनों जिलों में काम कर चुके हैं। बेहतर थानों में पदस्थापित रहे हैं और थाना अपग्रेड होने के बाद अब वे उसी थाना के प्रभारी भी हैं। जमशेदपुर के साकची में राजीव कुमार सिंह प्रभारी हैं। इनके विरुद्ध इडी जांच कर रही है। इनके पास जमशेदपुर में छह फ्लैट है। हर फ्लैट की कीमत एक करोड़ रुपये है। बाराद्वारी में होल्डिंग नंबर 38 में भी फ्लैट है। देवघर में भी बांग्ला है। ये कभी जमशेदपुर में रह चुके थे। दुबारा जमशेदपुर में चले गये। इसी शहर में अंजनी कुमार सिंह, मनोज कुमार ठाकुर, राजेश कुमार सिंह इंस्पेक्टर हैं, जो थानेदार हैं। कभी जमशेदपुर में दारोगा के रूप में प्रभारी रह चुके हैं। एक अन्य इंस्पेक्टर अब डीएसपी हो गये हैं। लंबे समय तक वहीं रहे। अपराध नियंत्रण के नाम पर रांची में भी दस इंस्पेक्टर को भेजा गया है।
    एसपी की भूमिका
    नियम तोड़ने में जिला के एसपी भी कम नहीं हैं। अभी दो दिन के अंदर लातेहार में एसपी ने कुछ इंस्पेक्टर को इधर से उधर किया। जिन्हें बदला गया, उन्हें प्रभारी इंस्पेक्टर के रूप में पदस्थापित किया गया। जबकि पदस्थापन स्थायी किया जाना है। अमित गुप्ता लातेहार अंचल के इंस्पेक्टर बनाये गये हैं, उन्हें लातेहार थाना का प्रभारी भी प्रतिनियुक्त किया गया। बबलू कुमार महुआडांड़ अंचल, नरेश कुमार लातेहार अंचल, जगदेव पाहन तिर्की चंदवा थाना में प्रतिनियुक्त किया गया है।
    क्या है नियम
    नियम यह है कि स्थायी पदस्थापन वाले अधिकारियों को अगर समय से पहले बदलना है, तो उसके लिए डीआइजी से अनुमति लेनी होती है। पुलिस अधिकारी प्रतिनियुक्त कर जब चाहे बदल सकते हैं, इसके लिए अनुमति की जरूरत नहीं पड़ती। धनबाद के एसपी भी समय पहले ताबड़तोड़ तबादले कर रहे हैं। हजारीबाग के एसपी भी इसमें पीछे नहीं हैं।

    The domineering inspector of Jharkhand is above the system
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