खूंटी से अजय शर्मा
खूंटी। मुख्यमंत्री की जोहार जन आशीर्वाद यात्रा का गुुरुवार का अंतिम पड़ाव खूंटी में था। यहां एक खुले मैदान में सीएम को जनसभा संबोधित करनी थी। रोड शो भी था। सीएम तोरपा के रास्ते खूंटी के निचले चौक तक पहुंचे। अपार जनसमूह दोनों ओर उनके स्वागत के लिए खड़ा था, लेकिन सुरक्षा के उतने इंतजाम नहीं थे, जितने होने चाहिए थे।
सीएम रोड शो में पैदल चल रहे थे। हर व्यक्ति से हाथ मिला रहे थे। भीड़ इतनी थी कि पुलिसकर्मी बेबश नजर आ रहे थे। सीएम सभा स्थल के गेट तक पहुंचे। वहां से मंच की दूरी दो सौ मीटर होगी। खूंटी पुलिस प्रशासन की यहां चाक-चौबंध सुरक्षा नहीं थी।
सीएम को मंच तक जिस रास्ते से जाना था, वहां कोई बैरिकेडिंग नहीं थी। यह सुरक्षा इंतजाम में सबसे बड़ी चूक थी। सीएम को भारी भीड़ के बीच से मंच तक ले जाया गया। सीएम के साथ चलनेवाले सुरक्षा कर्मियों को जब पता चला कि बैरिकेडिंग नहीं है, तो आनन-फानन में रस्सी निकाली और उसी के सहारे मंच तक ले गये। खूंटी घोर उग्रवादग्रस्त जिला है। सीएम रघुवर दास एससीसीआइ उग्रवादियों के निशाने पर हैं। नक्सलियों के खिलाफ जम कर बोल भी रहे हैं। जिस मैदान में लोग उन्हें सुनने पहुंचे थे, उसका नाम नामकुम मैदान है। वह चारों तरफ से खुला हुआ था। मंच भी छोटा था और उसकी घेराबंदी भी मानक से बहुत कम थी। भीड़ में कौन नक्सली है यह कहना मुश्किल था। जो लोग आये थे, उनकी जांच भी नहीं की गयी थी। एक मेटल डिटेक्टर गेट तो वहां था, लेकिन उसका उपयोग पुलिस वाले नहीं कर रहे थे। विशेष शाखा के अफसर इस इंतजाम से नाराज थे।
खूंटी में सीएम की सुरक्षा के नहीं थे पुख्ता इंतजाम
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