रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों के मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित झारखंड मंत्रालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के साथ फिर से सौतेला व्यवहार किया है। केंद्र की ओर से राज्य को परेशान किया जा रहा है। हम चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि तीन मेडिकल कॉलेज चालू हो चुके थे। कुछ आधारभूत संरचनाओं और कर्मचारियों की कमी थी। उसे पूरा किया जा रहा था। इस पर तेजी से काम किया जा रहा था। 90 से 95 प्रतिशत कार्य पूरे हो चुके थे। अब इसे डिबार कर दिया गया है। अब यहां बच्चे एडमिशन नहीं ले पायेंगे। सीएम ने कहा कि देवघर में केंद्र सरकार द्वारा एम्स बन रहा है। वहां पांच प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है। लेकिन इसे डिबार नहीं किया गया। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि केंद्र सरकार राज्य के प्रति कितनी संवेदनशील है। सीएम ने कहा कि अब यह भी बात आगे रखनी है। हमारी चीजें जब रोकी जाती हैं, तो एम्स क्यों नहीं रोका जाता है। हर तरीके से राज्य सरकार को परेशान करना, कटघरे में खड़ा करना और हमारी रफ्तार को धीमी करने के लिए हर षड्यंत्र और उपाय केंद्र सरकार कर रही है। रिजर्व बैंक से पैसे काटे जा रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और उनसे मिलने का समय भी मांगा है।
झारखंडियों के हक-अधिकार पर हमला
इससे पहले अपने फेसबुक पोस्ट में सीएम ने कहा कि सुनियोजित तरीके से भाजपा की केंद्र सरकार झारखंडियों के हक-अधिकार पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड से बिना पूछे यहां की कोयला खदानों की नीलामी शुरू करने की कोशिश की गयी। कोरोना काल में केंद्र सरकार ने रात के अंधेरे में झारखंड के 14 सौ करोड़ रुपये काट लिये। वहीं आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र जैसे राज्यों पर 50-50 हजार करोड़ से अधिक का बकाया है। इस पर भी केंद्र में बैठी भाजपा का मन नहीं भरा, तो दुमका, पलामू, हजारीबाग के मेडिकल कॉलेजों की एनएमसी के माध्यम से मान्यता हटाने पर तुली है। गरीबों-वंचितों पर भाजपा की यह कुदृष्टि इनकी हारी हुई मानसिकता दिखाती है। सीएम ने कहा, हार से बौखलायी, डरी हुई भाजपा जो चाहे कर ले, मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे बच्चों की जिंदगी को हम ऐसे बर्बाद नहीं होने देंगे। अपने अधिकार के लिए जो भी जायज कदम उठाने होंगे, हम उठायेंगे। झारखंड ने संघर्ष करना सीखा है, अधिकार हम लेकर रहेंगे।
सीएस ने की बैठक, एनएमसी को पत्र भेजने का फैसला
इस बीच मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने गुरुवार को नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) द्वारा तीन मेडिकल कॉलेजों में नामांकन पर रोक के मुद्दे पर उच्चस्तरीय बैठक की। सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे पर एनएमसी को पत्र भेजा जायेगा। इसमें एनएमसी की शर्तों को जल्द से जल्द पूरा करने और नामांकन पर लगायी गयी रोक को फिलहाल हटाने का अनुरोध किया जायेगा।