चीनी जासूसी नेटवर्क (Chinese spy network) की पूछताछ (Inquiry) में बड़ा खुलासा हुआ है. जासूसी मामले में एक युवती पकड़ी गई थी. जांच एजेंसियों को पूछताछ के दौरान पता चला कि चीन ने अपनी इंडियन जासूसी टीम को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) समेत बडे़ कार्यालयों की आंतरिक जानकारी देने को कहा था. यह जानकारी ग्रेडिंग के हिसाब से देने के लिए कहा गया था. मसलन, बडे़ कार्यालय में कौन शख्स अहम है. स्टाफ में कौन किस पद पर और कितना प्रभावशाली है.
इस जानकारी के लिए कोलकाता की एक प्रभावशाली महिला से चीनी महाबोधी टेंपल के प्रमुख मौंक ने क्विंसी का परिचय करवाया था. क्विंसी को कहा गया था कि यह प्रभावशाली महिला जो दस्तावेज उसे देगी, उन दस्तावेजों को चीनी भाषा में ट्रांसलेट करके उसे चीन भेजना है.
ऊपर तक भेजे जाने थे दस्तावेज
यह दस्तावेज चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एक प्रभावशाली लीडर की पत्नी के पास भेजे जाने थे. अब तक की पूछताछ के दौरान पता चला है कि यह दस्तावेज चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लीडर की पत्नी मिसेज डिंग और मिस्टर चाऊ को भेजे जाने थे.
चीनी युवती और उसके साथियों की पूछताछ के दौरान हुए खुलासे से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है. खुफिया एजेंसियों ने बयान के आधार पर पूरे मामले की गहन जांच शुरू की है. कोलकाता समेत अनेक जगहों पर कई लोगों से पूछताछ की जा रही है.
जासूसी के बदले दी गई भारी रकम
इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले महीने एक पत्रकार राजीव शर्मा समेत चीनी युवती और उसके नेपाली साथी शेर बहादुर को गिरफ्तार किया था. तीनों अभी भी तिहाड़ जेल में हैं.
सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान यह भी पता चला कि चीनी जासूसी के बदले क्विंसी को भारत में एक लाख रुपये दिए जाते थे. इस बात की जांच की जा रही है कि दक्षिण दिल्ली के जिस मकान में क्विंसी रहती थी उसका 50 हजार रुपये किराया चीन का हेड मौंक देता था.