हाथरस कांड की जांच अब सीबीआई के हवाले हो चुकी है। सीबीआई की एक टीम मंगलवार को मौका-ए-वारदात पर पीड़िता के भाई के साथ पहुंची और मुआएना किया। इन सबके बीच पीएफआई यानी पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चार लोगों पूछताछ के लिए ईडी टीम मथुरा पहुंच चुकी है। दरअसल जांच एजेंसियों का कहना है कि जिस दिन पीड़िता की मौत हुई उसी दिन हाथरस विक्टिम के नाम पर साइट बनाई गई और माहौल को खराब करने की कोशिश की गई। यही नहीं पीएफआई वित्तीय मदद के जरिए इस मामले को और सुलगाए रखना चाहती थी।

लेकिन समय रहते जानकारी मिली और जब एक्शन लिया गया तो वो वेबसाइट बंद कर दी गई। यही नहीं पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद अलग अलग जगहों से ट्वीट किए गए और ज्यादातर ट्वीट का केंद्र देश के बाहर था। इसका अर्थ यह है कि जानबूझकर इसे मुद्दा बनाया जा रहा था और प्रदेश में जातीय तनाव को चरम पर पहुंचाने की मंशा थी।

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