1999 में झारखंड कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितता के मामले में हाल ही में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे के खिलाफ दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 26 अक्टूबर को सजा सुनाएगी। बता दें कि इस मामले में दिल्ली की अदालत ने कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल) निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया है।

बता दें कि दिलीप रे, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे, दिल्ली की अदालत द्वारा कोयला घोटाले में दोषी पाए जाने के बाद आज उनकी सजा पर बहस हुई। सीबीआई के विशेष अदालत ने 26 अक्टूबर तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, पूर्व मंत्री के खिलाफ अब कोर्ट उसी दिन सजा का ऐलान करेगी। विशेष सीबीआई कोर्ट ने अप्रैल, 2017 में दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय में रहे तब के दो वरिष्ठ अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम के साथ-साथ कैस्ट्रॉन टेक्नॉलजीज लिमिटेड, और उसके डायरेक्टर महेंद्र कुमार अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और विश्वास हनन का आरोप तय किया था। अदालत ने तब कहा था कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू करने के लिए पर्याप्त प्रमाण हैं।

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