रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश में तानाशाही चल रही है। आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और गरीबों की आवाज उठाने वाले लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को न सिर्फ गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है, बल्कि बीमार और उम्रदराज होने के बावजूद उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
उन्होेंने कहा, आज स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया गया है। कल हमारी बारी आ सकती है। यह लाठी-गोली की सरकार है, जो हर कीमत पर अपने विरोधियों की आवाज दबाना चाहती है। बता दें कि हेमंत सोरेन पहले भी कई बार सार्वजनिक तौर पर केंद्र सरकार की आलोचना कर चुके हैं। बुधवार को पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की मौजूदा एनडीए सरकार ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर चल रही है।
हेमंत ने कहा कि जहां भाजपा सरकार नहीं बना पायी, उन राज्यों को अलग-अलग तरीके से परेशान किया जा रहा है। इसका जीता-जागता नमूना है डीवीसी की बकाया राशि की वसूली का तरीका। उन्होंने कहा कि आरबीआइ के पास जमा झारखंड सरकार के खाते से पैसे निकाल लिये गये। यह पहली बार सुना कि केंद्र किसी राज्य के खाते से इस तरह पैसा उड़ा लेता है।
मुख्यमंत्री ने गैर भाजपा शासित राज्यों से अपील करते हुए कहा कि आज हमारे साथ ऐसा हुआ है, कल आपके साथ होगा। इसलिए वक्त आ गया है कि एकजुट होकर केंद्र सरकार के तौर तरीके का विरोध किया जाये। उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों की नीलामी की जा रही है, लेकिन राज्य सरकार से इस पर मशविरा तक नहीं किया गया। सीएम ने कहा, झारखंड इसका विरोध कर रहा है और करता रहेगा। हम अपने हितों की रक्षा के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। हम अपना अधिकार छीन कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में सामाजिक संगठनों के साथ-साथ संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमले किये जा रहे हैं। विरोध की हर आवाज को ताकत की मदद से दबाया जा रहा है। इसका प्रतिकार जरूरी है। इसलिए तमाम लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट होने की जरूरत है। देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी गयी है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है। किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने की कोशिश हो रही है। देश में अराजकता की स्थिति है, इसलिए जरूरी है कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए। सामाजिक संगठन के लोग अपनी आवाज जरूर उठा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार पर उसका कोई असर नहीं हो रहा है।

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