राज्य में उपचुनाव का शंख बजते ही सरकार अब अधिक सक्रिय हो गई है। अब मुख्यमंत्री रूपानी ने राज्य के 10 लाख से अधिक परिवारों को सस्ती दरों पर आगे भी खाद्यान्न वितरण देने का ऐलान किया है। रविवार को मुख्यमंत्री विजय रूपानी के जनसंपर्क अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
गुजरात सरकार ने कोरोना संकट में 10 लाख परिवारों को दो बार खाद्यान्न वितरण किया था। अब सरकार ने तीसरी बार फिर से राज्य में 10 लाख परिवारों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत रियायती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। राज्य के सभी दिव्यांग, गंगा स्वरूप बहनों, वृद्ध पेंशन सहायता योजना के लाभार्थियों को भी इस खाद्यान्न वितरण का लाभ दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कोरोना अवधि के दौरान गरीब और मध्यम वर्ग को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में रूपानी सरकार ने ऐसे परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित किया था। मुख्यमंत्री विजयभाई रूपानी के इस संवेदनशील फैसले से 50 लाख गरीब और आम लोगों को लाभ होगा। अब इन सभी 10 लाख परिवारों को भी एनएफएसए के सभी लाभ मिलेंगे। सरकार ने शहरों और गांवों में रहने वाले रिक्शा चालकों, मिनी टेम्पो चालकों आदि को मुख्यमंत्री ने रियायती दरों पर खाद्यान्न के वितरण करने के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है। निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए एनएफएसए लाभार्थियों को रियायती दरों पर अनाज वितरित किया जाएगा।
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