खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए केरल के पलक्कड़ जिले में राज्य के पहले व देश के बीसवें मेगा फूड पार्क का शुभारंभ गुरुवार को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने किया।
तोमर ने इस अवसर पर कहा कि यह पार्क केरल में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इसमें 25 से 30 खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों में 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आएगा और अंतत: सालभर में 450 से 500 करोड़ रुपये का कारोबार होगा। यह पार्क पांच हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार प्रदान करेगा और 25 हजार से ज्यादा किसानों को लाभान्वित करेगा। इससे फल-सब्जियों व अन्य मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा। पार्क में खाद्य प्रसंस्करण की आधुनिक अवसंरचना से केरल व आसपास के किसानों के जीवन में सृमद्धि आएगी, उत्पादकों, प्रोसेसर व उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार, देश को लचीली खाद्य अर्थव्यवस्था और विश्व का खाद्य कारखाना बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक प्रमुख-महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाया है। देश में बीस मेगा फूड पार्क केंद्र के सहयोग से खुल चुके हैं,सत्रह अन्य प्रोजेक्ट भी मंजूर कर दिए गए हैं, जिनमें केरल के अलेप्पी जिले में भी एक पार्क का अनुमोदन किया गया है।
तोमर ने कहा कि देश के किसानों पर गर्व है, जिनकी कड़ी मेहनत से देश में खाद्यान्न का भंडार भरा हुआ है, देशवासियों की जरूरत तो पूरी हो ही रही है, खाद्यान्न सरप्लस है। प्रधानमंत्री मोदी कृषि क्षेत्र की कमियों को लगातार भरने में जुटे हैं, इसीलिए एक लाख करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रा फंड की शुरुआत की गई है, वहीं बजट की घोषणानुसार किसान रेल प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधारों से निजी निवेश गांव-गांव तक पहुंचेगा, जिससे कृषि उद्यमियता काफी बढ़ेगी व किसानों को लाभ होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मूल्यवर्धित वस्तुओं के निर्यात में ज्यादा संभावनाएं है, जिससे न केवल विदेशी मुद्रा अर्जित होगी, बल्कि घरेलू बाजार में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। भारत सरकार कृषि क्षेत्र के कायाकल्प पर काम कर रही है। वित्त आयोग की सिफारिशों को मानते हुए सरकार ने राज्यों का फंड भी बढ़ाया है। केंद्रीय क्षेत्रक स्कीम पीएम किसान संपदा योजना से भी किसानों को काफी लाभ मिल रहा है। साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान के भाग के रूप में केंद्र ने नई स्कीम- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) शुरू की है।
मुख्यमंत्री विजयन ने पार्क की स्थापना पर बधाई देते हुए कहा कि यह केरल के किसानों को सहायता एवं राहत देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके साथ कृषि उद्यमियों के जुड़ने से भी किसानों का भविष्य बेहतर बनेगा। उन्होंने समय-सीमा में इसके स्थापित होने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह केरल की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। साथ ही यहां पेट्रो पार्क, कोच्चि-बैंगलोर इंडस्ट्रीयल कारिडोर, डिफेंस पार्क के प्रोजेक्ट हैं। ये सब केरल को निवेशकों के सामने प्रोजेक्ट करने के लिए बेहतर माध्यम बने हैं।
विजयन ने कहा कि केंद्र से मिल रहे सहयोग का केरल के उद्यमी लाभ उठाएंगे व फूड पार्क से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद हैं।
किन्फ्रा मेगा फूड पार्क
यह परियोजना 79.42 एकड़ भूमि पर 102.13 करोड़ रुपये की लागत से प्रारंभ हुई है। यहां केंद्रीय प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) में कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा निर्मित सुविधाओं में किसानों और प्रसंस्करणकर्ताओं को मल्टी उत्पाद कोल्ड स्टोरेज, शुष्क मालगोदाम, पैक हाउस (छंटाई, श्रेणीकरण, पैकिंग), पक्वन चैम्बर्स, मसाला शुष्कीकरण एवं प्रसंस्करण सुविधा, खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भी शामिल हैं। किसानों को लाभान्वित करने के लिए खेतों के पास प्राथमिक प्रसंस्करण और भंडारण के लिए पैक हाउस की सुविधा के साथ एर्नाकुलम(मझावनूर), त्रिशूर(कोराट्टी), मलप्पुरम(कक्कंचरी) और वायनाड(कलपेट्टा) जिलों में चार प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों (पीपीसी) की स्थापना भी की गई है। इस मेगा फूड पार्क से पलक्कड़ जिले के साथ-साथ मलप्पुरम जिले के आसपास और केरल के त्रिशूर व तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले के लोगों को भी फायदा होगा।