पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच पूर्णिया में राजद के पूर्व नेता रहे शक्ति मलिक हत्याकांड में तेजस्वी और तेज प्रताप के खिलाफ केस दर्ज कराये जाने के बाद बिहार में सियासी बवाल मच गया है। एक ओर जहां सत्तापक्ष के नेता राजद नेता पर हमलावर हो गये हैं, वहीं उनके बचाव में राजद नेता उतर आये हैं। इस मामले में राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि सत्ता पक्ष अनुसंधान में सीमेंट-गारा नहीं डाले। यदि जांच में दोषी साबित हों, तब तेजस्वी यादव को फांसी पर चढ़ा देना। वहीं राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी ने कहा है कि पूर्णिया में बाल्मीकि समाज के एक नेता की हत्या की घटना की राजद घोर निंदा करता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मृतक के परिवार के लोगों ने जो नामजद एफआइआर दर्ज करायी है, उसमें नेता प्रतिपक्ष और उनके बड़े भाई को नामजद किया जाना घोर आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि हम इस आरोप को मजबूती के साथ नकारते हैं। श्री तिवारी ने कहा कि विधानसभा का चुनाव सिर पर है। ऐसे समय में नेता प्रतिपक्ष और उनके बड़े भाई को हत्या के मामले में नामजद अभियुक्त बनाया जाना एक गंभीर राजनीतिक षडयंत्र है। उन्होंने कहा कि जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है। श्री तिवारी ने कहा कि संजय सिंह के इस बयान को हम मुख्यमंत्री की पार्टी का आधिकारिक बयान मान रहे हैं। कहा कि हम जदयू की इस मांग का समर्थन करते हैं। हम भी मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि सरकार तत्काल इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपे। उन्होंने कहा कि हम यह भी मांग करते हैं कि जब तक सीबीआइ की जांच पूरी नहीं हो जाये, तब तक मुख्यमंत्री अपने तथा अपने सहयोगी दलों के नेताओं को अनर्गल बयान देने पर रोक लगायें।

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