बड़कागांव (आजाद सिपाही)। बड़कागांव प्रखंड के हजारीबाग रोड स्थित पंकरी बरवाडीह के भोक्ता स्थान में भी दर्जनों मूर्तियां बिखरे पड़े हैं, तथा बड़कागांव में मिल रहे बौद्ध धर्म के अवशेष को देखने से प्रतीत होता है कि आठवीं और नौवीं शताब्दी में यहां बौद्ध धर्म के अनुयाई आए होंगे। और भगवान बुद्ध की मूर्तियां को स्थापित किए होंगे।साथ ही बौद्ध स्तूप का भी निर्माण किए होंगे ।इसका प्रमाण बड़कागांव पकरी बरवाडिह में भी देखने को मिलता है। इस तरह के मूर्तियां प्रखंड मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूरी स्थित गोंदलपुरा पंचायत के सुदूरवर्ती क्षेत्र ग्राम गालि जंगल में गौतम बुद्ध की दर्जनों मूर्तियां मिला है।यह बौद्ध स्थल अब तक गुमनाम था। जिसको शिक्षक संजय सागर एवं गाली गांव के गिरजा भुईंया ने आजाद सिपाही संवददाता को बताया कि गौतम बुद्ध की इन मूर्तियों को ग्राम गाली तथा आसपास के लोग गवांट के नाम पर पूजा -अर्चना करते हैं। देखने से यह पता चलता है कि भगवान बुद्ध की मूर्तियां बैठे हुए मुद्रा एवं खड़े हुए मुद्रा में है ।बैठे हुवे मुद्रा में भगवान बुद्ध तपस्या में लीन है।जबकि खड़े हुए मुद्रा में भगवान बुद्ध हाथों में कुंडल लिए हुए हैं। मूर्तियों को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि बौद्ध धर्म के काल में यहां गौतम बुद्ध के अनुयायी यहां रहे होंगे। और क्षेत्र में बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार करते होंगे।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version