रांची। झारखंड में ओबीसी आरक्षण के बिना ही नगर निकाय चुनाव 2023 कराने की तैयारी है। नगर विकास विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा। नगर विकास विभाग ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पेशल लीव अपील में राहुल रमेश बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य में पारित न्यायादेश के आलोक में नगरपालिका निर्वाचन 2023 का प्रस्ताव बनाया है। विभाग ने पहले ओबीसी आरक्षण के तहत ही चुनाव कराने की तैयारी की थी, लेकिन बिहार को देख कर अपना फैसला बदल लिया। दरअसल बिहार में नगर विकास विभाग ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण उसे अपना हाथ पीछे खींचना पड़ा।
अन्य सभी प्रक्रियाएं पूर्ण की जायेंगी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश को ध्यान में रखते हुए पिछड़ा वर्ग को अनारक्षित मानते हुए आरक्षण एवं आवंटन की कार्रवाई की जायेगी। 2023 में होने वाले निर्वाचन को आम निर्वाचन मानते हुए पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या को अन्य श्रेणी में शामिल करने के बाद आरक्षण एवं आवंटन तथा महिला आरक्षण के चक्रानुक्रम की कार्रवाई की जायेगी। इसके बाद सभी नगरपालिकाओं में नाम-निर्देशन से लेकर अन्य सभी प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी।
13 नगर निकायों में 2020 से लंबित है निकाय चुनाव
झारखंड के 10 जिलों के 13 नगर निकायों में 2020 से चुनाव लंबित है। इन नगर निकायों में कुल 311 वार्ड पार्षद, तीन महापौर, 11 अध्यक्ष इत्यादि के लिए मतदान होना है। इसके अलावा नगर निकायों के पांच वार्डों के लिए उपचुनाव कराया जाना है। इन निकायों में 2015 में चुनाव हुए थे। 2020 से ही इन नगर निकायों में चुनाव टलता रहा है। इन नगर निकायों में वार्डों के परिसीमन और आरक्षण का काम भी पूरा हो गया है, लेकिन अब नये सिरे से आरक्षण तय किया जायेगा।
यहां होने हैं चुनाव
गोमिया, बड़की सरैया, हरिहरगंज, धनवार, महगामा, बचरा, धनबाद, चास, विश्रामपुर, झुमरीतिलैया, चक्रधरपुर, कोडरमा और मझिआंव