Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, June 14
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»रोचक पोस्ट»झारखंड के जनजातीय और मूलवासी समाज में चार दिनों तक मनाई जाती है दीपावली
    रोचक पोस्ट

    झारखंड के जनजातीय और मूलवासी समाज में चार दिनों तक मनाई जाती है दीपावली

    azad sipahiBy azad sipahiOctober 16, 2022No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    खूंटी । दीप पर्व दीपावली वैसे तो देश ही नहीं, विदेशों में भी मनाई जाती है लेकिन झारखंड के जनजातीय और मूलवासियों में इसको मनाने की परंपरा कुछ अलग ही है। खूंटी, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा सहित अन्य जिलों में चार दिनों का दीपोत्सव होता है। कार्तिक महीने की कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि तक दीपावली मनाई जाती है।

    त्रयोदशी से ही लोग घरों में दीप जलाकर पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन को धनतेरस भी कहा जाता है। हाल के दिनों में धनतेरस के दिन बर्तन सहित अन्य सामान की खरीदारी करने का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। पहले गांव-देहात में यह परंपरा नहीं थी। लोग सिर्फ झाड़ू की ही खरीदारी करते थे लेकिन अब हिंदू तो क्या, दूसरे समुदाय के लोग भी धनतेरस के दिन खरीदारी करना शुभ मानने लगे और बर्तन आदि खरीदते हैं। दिवाली के एक दिन पहले लोग मंदिरों और अन्य देव स्थलों पर दीप जलाने के बाद घरों में दीये जलते हैं।

    जनजातीय समाज में दी जाती है मुर्गे की बलि

    जनजातीय समाज के अलावा कुछ गैर आदिवासी समाज में दिवाली की रात मुर्गे की बलि देने की परंपरा है। रात को लोग गोशाला में पूजा-अर्चना के बाद मुर्गे की बलि देते हैं और गोवंश की रक्षा की कामना करते हैं लेकिन यह बेहद गुप्त रूप से किया जाता है। इसमें सिर्फ परिवार के लोग ही शामिल होते हैं और प्रसाद के रूप में मुर्गे का मीट खाते हैं।

    दिवाली की सुबह घर के गाय, बैल, भैस, बकरी आदि पशुओं को तालाबों, सरोवरों और नदियों में ले जाकर नहलाया जाता हैं। घर आकर उन्हें तेल मालिश करने के बाद उनका श्रृंगार किया जाता है। उस दिन मवेशियों को उड़द, चावल, कुम्हड़ा, कद्दू आदि से बनी खिचाड़ी खिलाते हैं। इसे पखवा खिलाना कहते हैं। हिंदू समाज में मवेशियों को खिलाने का भी मुहूर्त देखा जाता है, जिसे पुरोहित बताते हैं। दीपावली के तीसरे दिन गोधन कुट और पछली दिवाली मनाई जाती है।

    पुराने सूप-दौरों से भगाया जाता है दरिद्र

    झारखंड की दक्षिण भाग में दीपावली के दूसरे दिन तड़के गांव के लोग पुराने सूप-दौरा और अन्य सामानों को पूरे घर में डंडे से पिटते हुए घर से बाहर निकलते हैं और गांव के एक निश्चित स्थान पर उन्हें जला दिया जाता है। हालांकि, बदलते परिवेश और आधुनिकता के इस दौर में यह परंपरा अब लुप्त होती जा रही है।

    कर्रा प्रखंड के बिकुवादाग गांव के पुरोहित सदन गोपाल शर्मा और दिलीप शर्मा बताते हैं कि टीवी और मोबाइल के इस दौर में लोग अपनी संस्कृति और परंपरा को भूलते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूप-दौरा जलाने की परंपरा को दसा-मसा खेदना भी कहते हैं, जो दिवाली के दूसरे दिन सुबह साढ़े बजे से शुरू होता है। सदन गोपाल शर्मा ने कहा कि दसा-मसा जलाने के बाद ही लोग ढंड से बचने के लिए आग तापना शुरू करते हैं, जो होलिका दहन तक चलता रहता है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleअगले साल ईद पर रिलीज होगी सलमान खान की ‘किसी का भाई किसी की जान’
    Next Article फिर चुनाव आने वाले हैं गलती मत करना, प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा रखनाः अमित शाह
    azad sipahi

      Related Posts

      मंगलवार शाम आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा, दो ग्रहों-दो तारों के साथ होगा चांद का मिलन

      May 22, 2023

      44000 kmph से ज्यादा स्पीड पर धरती के पास आ रहा 31 फीट का चट्टानी गोला

      May 11, 2023

      (रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पुण्यतिथि पर विशेष) सिंहासन खाली करो कि जनता आती है…

      April 23, 2023
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • प्रधानमंत्री कनाडा में जी7 सम्मेलन में लेंगे भाग, साइप्रस और क्रोएशिया भी जाएंगे
      • सड़क हादसे में दो की मौत
      • स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी का जनता दरबार 17 को
      • पटमदा में आवारा कुत्तों का आतंक जारी, अब तक 20 से अधिक लोग घायल
      • पुलिस ने 50 लाख का गांजा किया बरामद, एक गिरफ्तार
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version