रांची। भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई। मामले में महगामा विधायक दीपिका पांडे को नोटिस जारी किया गया है। वहीं बाबूलाल की ओर से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 अ के तहत दलील पेश की गयी। धारा 29 अ के तहत किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े फैसले लेने का अधिकार चुनाव आयोग को होता है। चुनाव आयोग के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। ऐसे में विधानसभा न्यायाधिकरण में यह मामला सुनवाई के योग्य नहीं माना जायेगा। अब इस मामले की सुनवाई 9 नंवबर को होगी।
बता दें कि 13 अक्टूबर को समय के अभाव में इस मामले की सुनवाई टल गयी थी। वहीं इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान विधानसभा की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता ने कहा था कि विधानसभा की ओर से लिखित बहस आने के बाद स्पीकर कोर्ट की कार्रवाई पर निर्णय लिया जायेगा, जिसके बाद कोर्ट ने विधानसभा की ओर से लिखित बहस कोर्ट के समक्ष जमा करने का निर्देश दिया था।

विधानसभा में 30 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गयी थी
बता दें कि बाबूलाल की ओर से दाखिल रिट याचिका में कहा गया है कि दल-बदल मामले में झारखंड विधानसभा के स्पीकर कोर्ट में नियमानुसार सुनवाई नहीं हुई है। न्यायाधिकरण ने उनकी गवाही और बहस सुने बिना ही केस को जजमेंट पर रख दिया है। बाबूलाल मरांडी से जुड़े दल-बदल के मामले में विधानसभा के न्यायाधिकरण में 30 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गयी है। बाबूलाल मरांडी की ओर से पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं का कहना है कि स्पीकर पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहे हैं। न्यायाधिकरण में सुनवाई समाप्त होने के बाद स्पीकर कभी भी अपना फैसला सुना सकते हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में बाबूलाल मरांडी ने झाविमो के टिकट पर जीता था। बाद में उन्होंने पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया। इस मामले में स्पीकर दल-बदल कानून के तहत सुनवाई कर रहे हैं।

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