रांची। रिम्स में इलाजरत दो कैदी के फरार होने के बाद मंगलवार को रांची के एसएसपी किशोर कौशल और सदर डीएसपी ने कैदी वार्ड का निरीक्षण कर सुरक्षा का जायजा लिया। एसएसपी ने कैदी वार्ड में जो कमियां हैं, उनको जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। एसएसपी ने बताया कि रिम्स में झारखंड के विभिन्न जिले से कैदी को विशेष चिकित्सा की आवश्यकता होने पर भर्ती कराया जाता है। रिम्स में उन कैदी के लिए विभिन्न जिलों से आनेवाले बल की जिम्मेदारी है कि उन पर निगरानी रखनी चाहिए। समीक्षा के दौरान पाया गया कि कैदी वार्ड में बल की आवश्यकता है। यह पता चला कि बाहर से आनेवाले बल ड्यूटी के प्रति लापरवाह रहते हैं। एसएसपी ने कहा कि सुरक्षा में लगे लापरवाह पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जायेगा। पहले भी इस तरह की वारदात हुई है। अस्पताल प्रबंधन से मिल कर बात करेंगे। सीसीटीवी की व्यवस्था की जायेगी।
बाथरूम का ग्रिल तोड़ कर फरार हुए थे दो कैदी
झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स से 15 अक्टूबर की रात दो कैदी अमित उरांव और मसरूफ आलम बाथरूम का ग्रिल तोड़ कर फरार हो गये थे। रिम्स से फरार उग्रवादी अमित उरांव उर्फ भगत करीब तीन माह से इलाजरत था। गुमला पुलिस ने बिशनपुर थाना कांड (संख्या 34/20) में 26 दिसम्बर 2020 को जेल भेजा था। लोहरदगा जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र स्थित गुड़गांव निवासी अमित उरांव को तबीयत खराब होने के बाद जेल के माध्यम से 19 जुलाई 2022 को गुमला हॉस्पिटल से बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स भेजा गया था। वहीं छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार मशरूफ आलम को हजारीबाग पुलिस ने इलाज के लिए रिम्स में भर्ती करवाया था।