Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, May 18
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Jharkhand Top News»जांच के दायरे में कारोबारी अमित अग्रवाल के हस्ताक्षर को सत्यापित करनेवाले जेल अधीक्षक
    Jharkhand Top News

    जांच के दायरे में कारोबारी अमित अग्रवाल के हस्ताक्षर को सत्यापित करनेवाले जेल अधीक्षक

    विपक्ष समेत कई नेताओं ने जेल अधीक्षक की कार्रवाई को बताया गलत
    adminBy adminOctober 18, 2022No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। कारोबारी अमित अग्रवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर करने के मामले को लेकर राजनीति गरमा गयी है। अमित अग्रवाल के उस हस्ताक्षर, जिसका सत्यापन होटवार जेल के जेल अधीक्षक ने किया है, उस पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। यह कहा जा रहा है कि जब आरोपी प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में था, तो जेल अधीक्षक ने किस बिना पर अमित अग्रवाल के हस्ताक्षर का सत्यापन कर दिया। इस मामले पर विपक्षी दल भाजपा और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सरकार पर निशाना साधा है। वहीं राज्य के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने पूरे प्रकरण पर सरकार कठघरे में खड़ा किया है। सरयू राय ने अपने ट्वीट में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इडी के अभियुक्त अमित अग्रवाल का वकालतनामा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के जेल अधीक्षक ने 12 अक्तूबर 2022 को सत्यापित (एटेस्टेड) किया है, जबकि उस समय अमित अग्रवाल जेल में था ही नहीं, उस समय वह इडी की हिरासत में था। जब अभियुक्त जेल में था ही नहीं, तब उसके हस्ताक्षर का सत्यापन किस आधार पर किया गया। सुप्रीम कोर्ट में दर्ज वकालतनामा पर अमित अग्रवाल के हस्ताक्षर को 12 अक्टूबर को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधीक्षक द्वारा सत्यापित किया गया था, जब वह न्यायिक हिरासत में नहीं था। वह प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में था। ा्रीम कोर्ट ने सुप्सोमवार को उसकी याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने खिलाफ चार्जशीट को रद्द करने की मांग की थी। उसके वकील कपिल सिब्बल के तर्कों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए। झारखंड जेल प्राधिकरण द्वारा इडी की पुलिस हिरासत में वकालतनामा पर अमित अग्रवाल के हस्ताक्षर की पुष्टि चौंकाने वाली बात है। इडी ने अमित अग्रवाल को 7 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और अगले दिन उसे विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया था। विशेष अदालत ने उसे पूछताछ के लिए सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। एजेंसी ने 14 अक्टूबर को अमित अग्रवाल और अधिवक्ता राजीव कुमार के खिलाफ अभियोजन की शिकायत दर्ज करायी थी। इस तारीख को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसका मतलब है कि अमित अग्रवाल 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर की दोपहर तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में था। केवल 9 अक्टूबर को बिरसा मुंडा जेल में था। फिर उसने 12 अक्टूबर को वकालतनामा पर अपने हस्ताक्षर का सत्यापन कैसे किया, जब वह न्यायिक हिरासत में नहीं था। सूत्रों के मुताबिक इडी मामले की जांच कर रही है और कानूनी सलाह भी ले रही है।

    सबसे महंगे वकील कपिल सिब्बल को ही हायर करती है सरकार : बाबूलाल
    वहीं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड सरकार अपनी हर भ्रष्टाचार पर कानूनी दांव पेंच के लिए सबसे महंगे वकील कपिल सिब्बल को ही हायर करती है। हाल में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के हाथ लगे कारोबारी अमित अग्रवाल को भी राहत दिलाने के लिए एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलील को एक सिरे से खारिज कर कहा कि जहां केस है, वहां के हाइकोर्ट में जाइये।

    jharkhand latest news jharkhand news ranchi news top hindi news jharkhand
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleहजारों पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान का गवाह बना रांची का हरमू मैदान
    Next Article रांची मेयर ने समीक्षा बैठक में दिए दिशा-निर्देश
    admin

      Related Posts

      मोरहाबादी स्टेज को ध्वस्त करने का कारण बताये राज्य सरकार : प्रतुल शाहदेव

      May 18, 2025

      मंईयां सम्मान योजना महज दिखावा : सुदेश

      May 18, 2025

      JSCA के नए अध्यक्ष बने अजय नाथ शाहदेव, सौरभ तिवारी सचिव चुने गए

      May 18, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • मारा गया लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद, भारत में कई आतंकी हमलों का था मास्टर माइंड
      • भारत-पाक संघर्ष के समय आइएसआइ के संपर्क में थी ज्योति मल्होत्रा
      • मोरहाबादी स्टेज को ध्वस्त करने का कारण बताये राज्य सरकार : प्रतुल शाहदेव
      • मंईयां सम्मान योजना महज दिखावा : सुदेश
      • JSCA के नए अध्यक्ष बने अजय नाथ शाहदेव, सौरभ तिवारी सचिव चुने गए
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version