पात्रा चॉल लैंड स्कैम मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को फिर झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को एक बार से बढ़ाया है, कोर्ट ने 21 अक्टूबर तक शिवसेना सांसद की न्यायिक हिरासत बढ़ाई है। अदालत ने मंगलवार को कहा कि कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर 21 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

शिवसेना सांसद को उनकी न्यायिक हिरासत की समाप्ति पर जब मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया तो विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने भी राउत की न्यायिक हिरासत 21 अक्टूबर तक बढ़ा दी। वहीं कोर्ट में शिवसेना सांसद संजय राउत ने एनसीपी नेता एकनाथ खडसे से मुलाकात की, जो ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कोर्ट आए थे. इस दौरान दोनों नेताओं ने बात की और राउत को खडसे से यह कहते हुए सुना गया कि वह जल्द ही जेल से बाहर होंगे।

कोर्ट में मंगलवार को राउत के वकील अशोक मुंदरगी ने अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि ईडी द्वारा संजय राउत के खिलाफ लगाए गए आरोप स्वाभाविक रूप से अविश्वसनीय थे। इस तरह के आरोपों पर भरोसा नहीं किया जा सकता था। राउत के मुंदरगी ने अदालत को बताया कि कथित लेनदेन साल 2008 से 2012 तक के हैं. एक दशक हो गया है और आरोप केवल 3.85 करोड़ रुपये का है।

वहीं ईडी की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मुंदरगी द्वारा दी गई कुछ नई दलीलों का विरोध करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा. फिर इसके बाद अदालत ने सहमति जताते हुए आगे की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की और राउत की न्यायिक हिरासत तब तक के लिए बढ़ा दी. बता दें कि ईडी ने राउत को इस साल जुलाई में पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. संजय राउत के खिलाफ ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास और उनकी पत्नी व सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन में अनियमितताओं से संबंधित है.

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