आजाद सिपाही संवाददाता
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कानून की भाषा सरल होनी चाहिए, ताकि आम आदमी को इससे डर न लगे। जजमेंट स्थानीय भाषा में भी लिखे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से देश में बीते वर्षों में लाखों केसों को सुलझाया गया है। इनसे अदालतों का बोझ भी कम हुआ है और खासतौर पर गांव में रहने वाले लोगों और गरीबों को न्याय मिलना भी बहुत आसान हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लोगों को सरकार का दबाव भी महसूस नहीं होना चाहिए। हमने डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिये है। इनमें से अनेक कानून तो गुलामी के समय से चले आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री शनिवार को शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के आॅल इंडिया कांफ्रेंस के उद्घाटन मौते पर बोल रहे थे। दो दिन तक चलने वाला यह कार्यक्रम गुजरात के एकता नगर में कानून और न्याय मंत्रालय की ओर से आयोजित किया गया है। इसमें केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरन रिजिजू भी हिस्सा ले रहे है। इसके जरिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नये आइडिया का आदान-प्रदान करने और अपने आपसी सहयोग में सुधार करने में सक्षम होंगे। कॉन्फ्रेंस में विवाद को हल करने के लिए मध्यस्थता, पेंडिंग केसेस को कम करने, जल्दी निपटारा करने, केंद्र और राज्यों के बीच कोआॅर्डिनेशन समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री 17 अक्टूबर को करेंगे किसान सम्मान सम्मेलन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अक्टूबर को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआइ) के पूसा मेला ग्राउंड में दो दिवसीय पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री एग्री स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे। साथ ही, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 पीएम-किसान समृद्धि केंद्रों (पीएम-केएसके) का उद्घाटन करेंगे। भारत यूरिया बैग- किसानों के लिए एक राष्ट्र-एक उर्वरक नामक महत्वपूर्ण योजना लांच करेंगे। इस मौके पर किसान सम्मान निधि योजना की 12वीं किस्त भी जारी होगी। यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देश भर के 13,500 से अधिक किसान और 1500 एग्री स्टार्टअप हिस्सा लेंगे। वहीं एक करोड़ से अधिक किसान वर्चुअल रूप से भाग लेंगे। जिसमें 700 कृषि विज्ञान केंद्र, 75 आईसीएआर संस्थान, 75 राज्य कृषि विश्वविद्यालय, 600 पीएम किसान केंद्र, 50,000 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां और 2 लाख सामुदायिक सेवा केंद्र (सीएससी) जैसे विभिन्न संस्थान शामिल हैं।