रांची। झारखंड में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण की मांग की जा रही है। आरक्षण नहीं देने पर विरोध करने की बात कही जा रही है। यह बात पूर्व मंत्री और पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय संयोजक लालचंद महतो ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कही है। लालचंद महतो ने कहा कि बिहार में जहां हाइकोर्ट के निर्णय के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है और नगर निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया है, वहीं झारखंड सरकार ने ओबीसी आरक्षण के बिना ही नगर निकाय चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। झारखंड की सरकार पूरी तरह से ओबीसी विरोधी है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

27% ओबीसी आरक्षण देने की घोषणा एक राजनीतिक स्टंट
लालचंद महतो ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा 1932 आधारित स्थानीय नीति और 27% ओबीसी आरक्षण देने की घोषणा एक राजनीतिक स्टंट है। क्योंकि इसे नवीं अनुसूची में डालना है, यह सर्वविदित है। केंद्र सरकार इस काम को नहीं करेगी, इसलिए झारखंड सरकार का यह निर्णय जनता को दिग्भ्रमित करने जैसा है। लालचंद महतो ने कहा कि जब तक झारखंड में ओबीसी आरक्षण तय नहीं हो जाता है, तब तक नगर निकाय चुनाव स्थगित किया जाना चाहिए। झारखंड के पिछड़ों के साथ यह अन्याय है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। आने वाले दिनों में अगर सरकार निर्णय वापस नहीं लेती है, तो इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा।

जातिगत जनगणना करानी चाहिए
पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ दिलीप सोनी ने कहा कि बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी जातिगत जनगणना करानी चाहिए। आज जानवरों की संख्या मिल जाती है तो फिर जातिगत आबादी की जानकारी क्यों नहीं मिल सकती। दिलीप सोनी ने कहा कि झारखंड में पिछड़ों की आबादी अन्य जातियों से अधिक है, इसलिए जातिगत जनगणना करा कर ओबीसी आरक्षण या अन्य प्रकार का लाभ दिया जाना चाहिए। इस मौके पर मोर्चा के प्रवक्ता अब्दुल खालिक सहित कई लोग मौजूद थे।

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