अराजपत्रित कर्मचारियों के वेतन भुगतान का मामला
तीन सदस्यीय कमिटी बनाने का निर्देश, 7 नवंबर को अगली सुनवाई
रांची। पिछले 20 साल से अराजपत्रित कर्मचारियों के वेतन भुगतान से जुड़े मामले की सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई में झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह सशरीर हाजिर हुए। 5 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने झारखंड राज्य की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा था कि ऐसे संवेदनशील मामले में, झारखंड राज्य सो रहा है और इस मामले में किसी वकील को नियुक्त करने की भी परवाह नहीं कर रहा है, जिसके बाद चीफ सेक्रेटरी को पेश होने को कहा था।
तीन सदस्यीय कमिटी बनाने का दिया निर्देश
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का समाधान निकालने को कहा है। वहीं कोर्ट ने कहा कि इसके लिए तीन सदस्यीय कमिटी बनायें। इस कमिटी में झारखंड, बिहार और केंद्र सरकार के अवर सचिव रैंक के अधिकारी को रखने को कहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 7 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक यह कमिटी अदालत को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। झारखंड सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल और अधिवक्ता पल्लवी लांगर ने पक्ष रखा।