नई दिल्ली। पूर्वोत्तर का खूबसूरत राज्य सिक्किम इस समय प्राकृतिक आपदा की भीषण मार से बेहाल है। सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि में बादल फटने के बाद मंगलवार की सुबह से आशंकाओं के बादल अब तक घिरे हुए हैं। बुधवार सुबह तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 100 से अधिक लोग लापता हैं। इनमें सेना के भी 23 जवान शामिल हैं।

मंगलवार भोर के समय उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटा, जिसके बाद तीस्ता नदी में बड़े पैमाने पर सैलाब आ गया। इसके चलते तीस्ता नदी के किनारे बने घर, मकान धाराशायी हो गए। 14 पुल टूट गए। नदी किनारे खड़े वाहन नदी के तेज बहाव में बह गए। इसमें नदी किनारे बने एक अस्थायी कैंप में रह रहे सेना के 23 जवान भी शामिल हैं। अभी लापता लोगों की सही सही संख्या का केवल अनुमान ही लगाया जा सका है। तीन हजार से अधिक पर्यटक भी सड़क आदि टूट जाने से अनेक स्थानों पर फंस गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट पर सिक्किम की आपदा पर गंभीर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि “सिक्किम के मुख्यमंत्री पी. एस. तमांग से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की। चुनौतियों का सामना करने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा और कुशलता की प्रार्थना करता हूं।”

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