रांची। कांग्रेस के महासचिव और झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि आदिवासी हित और ग्राम सभा के प्रति हमेशा से कांग्रेस समर्पित रही है। उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी जरूरत यही है कि जनजातीय परंपरा एवं संस्कृति का संरक्षण, सम्मान करते हुए उसके संवर्धन के लिए भी न केवल सरकारी स्तर पर बल्कि लोगों के द्वारा भी प्रत्येक संभव प्रयास किया जाये।

पांडेय शुक्रवार को राजधानी में पेसा अधिकार यात्रा की शुरुआत के अवसर पर मोरहाबादी मैदान में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से न केवल जनजातीय समुदाय बल्कि अनुसूचित जाति, दलितों, अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी), अल्पसंख्यकों के साथ ही देश के सभी लोगों का सम्मान करती है और उनकी आकांक्षाओं एवं भावनाओं के तहत ही विकास को गति देना चाहती है, जिसकी जरूरत देश में है। पांडे ने भरोसा जताया कि पेसा अधिकार यात्रा के बाद न केवल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में काम कर रही सरकार और भी पुरजोर तरीके से पेसा कानून को जल्द से जल्द लागू करेगी, बल्कि इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे झारखंड पर पड़ेगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि विकास एवं वित्तीय मोर्चे पर बुरी तरीके से असफल रही केंद्र सरकार अब पूरी तरीके से नकारात्मक भावना से ग्रसित होकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की विचारधारा तेजी से आम लोगों के पास पहुंच रही है और इसका परिणाम आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में नजर आएगा।

कार्यक्रम को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने संबोधित किया।

पेसा अधिकार यात्रा मोरहाबादी मैदान से शुरू हुई, जो धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की समाधि स्थल कोकर में जाकर उन्हें माल्यार्पण करने के साथ समाप्त हुई। समाधि स्थल पर सभी संकल्प लिया कि वे सभी न सिर्फ पेसा कानून को जमीनी स्तर पर लागू करवाने के लिए, बल्कि आदिवासियों की सभ्यता, संस्कृति, उन की परंपराओं की रक्षा के साथ ही उनके विकास की जरूरतों को पूरा करने के प्रति हमेशा समर्पित रहेंगे ।

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