रांची। सीएम हेमंत सोरेन को लीज आवंटित करने की जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद प्रार्थी की ओर से लगाये गये आरोपों के संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है एक याचिका
इस संबंध में आरटीआइ एक्टिविस्ट सह अधिवक्ता सुनील कुमार महतो ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है। सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसी ही एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुकी है।
इस याचिका में भी सीएम हेमंत सोरेन के खनन पट्टा आवंटित करने का मुद्दा उठाया गया है। ऐसे में इस पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। इस पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केस के मेरिट की बजाय प्रार्थी के क्रेडेंशियल को लेकर याचिका खारिज की है।
सीएम की पत्नी और साली को जमीन का आवंटन
इस दौरान प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि यह याचिका पूर्व में दाखिल शिवशंकर शर्मा की याचिका से अगल है। उनकी ओर से इस संबंध में सप्लीमेंट्री शपथ पत्र दाखिल करने की जानकारी अदालत को दी गयी है, जिसमें कहा गया है कि सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन और उनकी साली सरला मूर्मू को बरहे (चान्हो) औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ भूमि आवंटित की गयी है। उक्त जमीन सोहराय लाइव टेक नाम की कंपनी को दिया गया है। इस कंपनी में कल्पना सोरेन और सरला मुर्मू निदेशक हैं।
बता दें कि मामला उजागर होने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने लीज आवंटन वापस कर दिया था। इसी तरह उनकी पत्नी और साली ने भी भूमि आवंटन को वापस कर दिया है।