उदयपुर। मेवाड़ राजघराने ने एक बार फिर से राजनीति में प्रवेश किया है। मेवाड़ के पूर्व महाराणा महेन्द्र सिंह मेवाड़ के पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ ने मंगलवार को दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया। बरसों पहले सक्रिय राजनीति से दूर हुए पिता के बाद पुत्र के राजनीति में आने से मेवाड़ के राजनीतिक समीकरण एक बार फिर गरमा गए हैं।
महाराणा प्रताप के वंशज कुंवर विश्वराज सिंह मेवाड़ मंगलवार को दिल्ली में भाजपा केंद्रीय कार्यालय में राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सीपी जोशी, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी व सांसद अरुण सिंह और सांसद दीया कुमारी की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी एवं राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख डॉ. संजय मयूख भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पोलो खिलाड़ी एवं करणी सेना के पूर्व अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह कालवी के पुत्र भवानी सिंह कालवी ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर उनका मार्गदर्शन लिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि मेवाड़ के साथ आने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत निर्माण के उद्देश्यों व राजस्थान के सर्वांगीण विकास के संकल्प को और मजबूती मिलेगी।
प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनकल्याण एवं विकास कार्याे से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कालजयी योद्धा महाराणा प्रताप ने मुगलों के आगे कभी समर्पण नहीं किया, वे जीवनपर्यंत संघर्ष करते रहे और मेवाड़ को कभी पराधीन नहीं होने दिया। उस परिवार के वंशज महाराणा भगवत सिंह 1969 में सर्वसम्मति से विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष नियुक्त हुए। उन्होंने राष्ट्र और धर्म के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। 1984 में महाराणा भगवत सिंह की अध्यक्षता में न्यूयार्क में विश्व हिन्दू परिषद का दसवां सम्मेलन हुआ था, जिसमें 50 देशों के 4 हजार 750 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। उनके वंशज और विश्वराज सिंह के पिता पूर्व महाराणा महेन्द्र सिंह चित्तौड़ के सांसद रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है, उसमें राजस्थान की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राजस्थान में परिवर्तन का परिदृश्य स्पष्ट दिख रहा है। ऐसी परिस्थिति में कुंवर विश्वराज सिंह के भाजपा में शामिल होने से राजस्थान के आर्थिक विकास में नई उर्जा का संचरण होगा। कुंवर विश्वराज सिंह के पास राजस्थान की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए बहुत सारे विचार हैं, जिसमें खनिज विकास से लेकर युवाओं और किसानों का विकास भी शामिल है। उन्होंने कहा कि कालवी का संबंध मेवाड़ और मारवाड़ से भी है, अतः इन दोनों के आने से भारतीय जनता पार्टी और मजबूत होगी।
इस अवसर पर विश्वराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ देश के विकास में योगदान दे रही है। वे उनके नेतृत्व में राजस्थान और देश को आगे बढ़ाने में हर संभव योगदान करेंगे।
चर्चा है कि विश्वराज सिंह मेवाड़ के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने में राजसमंद सांसद दीया कुमारी की भूमिका भी अहम रही है। दीया कुमारी जब सांसद का चुनाव जीती थीं तब वे विश्वराज सिंह के पिता महेन्द्र सिंह मेवाड़ से मिलने आईं थीं। विश्वराज सिंह के पिता महेन्द्र सिंह मेवाड़ चित्तौड़गढ़ से जीते थे। वर्ष 1989 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की निर्मला कुमारी को करीब 1.91 लाख वोटों से हराया था। इसके बाद अगला चुनाव उन्होंने कांग्रेस के बैनर से लड़ा था और हार गए थे।
विश्वराज सिंह के भाजपा में शामिल होने के साथ ही मेवाड़ और खासकर उदयपुर में राजनीतिक चर्चा गरम है। रियासतकालीन मेवाड़ के राव-उमरावों में आज भी महाराणा के परिवार का जो सम्मान है, उसका भी प्रभाव चुनावों में नजर आ सकता है। विश्वराज सिंह पिछले कई वर्षों से परम्परानुसार उदयपुर में निकलने वाली विशाल जगन्नाथ यात्रा की अगुवाई भी कर रहे हैं। इसी वर्ष विश्वराज सिंह ने चैत्र नववर्ष पर उदयपुर के महाराणा भूपाल स्टेडियम में आयोजित धर्मसभा में आए संतजनों की अगवानी भी की थी। फिलहाल भले ही भाजपा के प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं हुई है, उदयपुर और राजसमंद जिले के भी प्रत्याशी अभी घोषित नहीं हुए हैं, लेकिन इस वक्त मेवाड़ का भाजपा में आना संभावित उम्मीदवारों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है।