ए-हेल्प प्रोग्राम के जरिये झारखंड के गांवों में आर्थिक स्वावलंबन लाने में मदद मिलेगी : मंत्री
रांची। राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्र ने भरोसा जताया है कि केंद्र सरकार के साथ मिलकर शुरू किए गये ए-हेल्प प्रोग्राम के जरिये झारखंड के गांवों में आर्थिक स्वावलंबन लाने में मदद मिलेगी। जिन 2000 पशु सखियों को इस प्रोग्राम के माध्यम से 16 दिनों तक स्पेशल ट्रेनिंग मिलेगी, वे गांवों में पशु स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन, पशुओं के टीकाकरण और दूसरे कार्यक्रमों में बड़ा रोल और प्रभावी तरीके से अदा कर सकेंगी। महिला सशक्तीकरण का भी आदर्श उदाहरण बनेंगी।
मंत्री ने पशुपालन विभाग की ओर से हेसाग स्थित कार्यालय में मंगलवार को आयोजित ए-हेल्प कार्यक्रम का उद्घाटन किया। बादल ने खुशी जताते कहा कि ए-हेल्प प्रोग्राम के लिए केंद्र की ओर से देश के 7 राज्यों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया है, जिसमें से एक झारखंड भी है। मध्य प्रदेश के बाद झारखंड में इस प्रोग्राम की लॉन्चिंग हुई है। राज्य में इस काम में एनडीडीबी जैसी संस्था का भी सहयोग मिलेगा। पूर्व में राज्य में 80 हजार लीटर दूध प्रतिदिन प्रोडक्ट होता था, अब एनडीडीबी के सहयोग से यह 2.50 लाख लीटर हो चुका है।
बादल ने कहा कि आने वाले दिनों में पलामू की तरह जमशेदपुर, गिरिडीह में भी मिल्क प्लांट लगाया जायेगा। 42 हजार लाभुकों को राज्य में सीएम पशुधन योजना का लाभ दिया जा चुका है। पशुओं के बीमा के लिए दूसरे राज्यों में लागू प्रावधानों का अध्ययन करते जल्द ही इस राज्य के सभी पशुपालकों को लाभ दिया जायेगा। विभागीय सचिव और खासकर निदेशक आदित्य रंजन की सराहना करते कहा कि विभाग को सीएम की अगुवाई में अच्छे अफसर मिले हैं, जिसका लाभ मिलेगा।
विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीख ने कहा कि राज्य में 6 करोड़ से अधिक पशुधन हैं। इनमें से गायों की संख्या 01 करोड़ 70 लाख है। राज्य में इतनी बड़ी संख्या में पशुधन होने से ए-हेल्प जैसे प्रोग्राम का महत्व बढ़ जाता है। चयनित पशु सखी आशा वर्कर (स्वास्थ्य सेवा) की तरह पशु सेवाओं के मामले में इस प्रोग्राम के लिए मिलने वाली ट्रेनिंग से लाभान्वित होंगी। पशुओं की बीमारी, उसके इलाज, टीकाकरण वगैरह में बेहतर तरीके से रोल अदा कर सकेंगी। पशुपालन से संबंधित सभी तरह की योजनाओं, कल्याण कार्यक्रमों के बारे में पशु सखियों को जानकारी लोकल लैंग्वेज में भी मिलेगी। सचिव ने बताया कि जल्द ही 236 पशु एंबुलेंस की सेवा सभी प्रखंडों में मिलने लगेगी। इसमें पशुओं के इलाज की जरूरत के मुताबिक इंतजाम रहेंगे।
निदेशक (पशुपालन) राजीव रंजन ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में ए-हेल्प प्रोग्राम की शुरूआत करने वाला झारखंड दूसरा राज्य बना है। इससे राज्य में महिला सशक्तिकरण का प्रयास और तेज होगा, जो 60 विभागीय मास्टर ट्रेनर इस प्रोग्राम के लिए तय किए गये हैं, पशु सखी उससे ट्रेनिंग के दौरान लाभ उठाएं और जमीन पर ठोस तरीके से अमल करे।
इस मौके पर सहायक पशुधन आयुक्त सुलेखा एस, एनडीडीबी के वरीय महाप्रबंधक ललित प्रसाद, राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद सहित कई अन्य विभागीय अधिकारी, पशु सखी और अन्य भी उपस्थित थे। पशुपालन एवं डेयरी विभाग (केंद्र सरकार) की सचिव अलका उपाध्याय भी ऑनलाईन मौजूद रहीं।