नई दिल्ली। एप्पल से मिले मेल पर हो रही राजनीति पर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण आया है। सरकार ने एप्पल के अलर्ट को ‘अस्पष्ट’ बताते हुए कहा है कि मामले की जांच होगी। केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने विपक्ष पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोगों को देश की प्रगति पसंद नहीं है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पत्रकार वार्ता के बाद केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने पत्रकार वार्ता कर मामले को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि एप्पल का मेल 150 से अधिक देशों में प्राप्त हुआ है। एप्पल ने स्वीकारा है कि अलर्ट गलत भी हो सकता है। ऐसे में कुछ लोगों की आदत है कि नींद खुलते ही सरकार की आलोचना करने की आदत है। उन्हें अपने और अपने परिवार की चिंता है लेकिन देश की चिंता नहीं है।

अश्वनी वैष्णव ने कहा कि एप्पल के मेल के मुद्दे पर ध्यान भटकाने की राजनीति हो रही है। विश्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का नाम ऊंचा हो रहा है और कुछ लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एप्पल से मिले मेल में उपकरणों पर ‘राज्य-प्रायोजित हमलों’ का उल्लेख है। इस मुद्दे पर एप्पल द्वारा दी गई जानकारी अस्पष्ट और गैर-विशिष्ट प्रकृति की लगती है। एप्पल का कहना है कि अलर्ट उन सूचनाओं पर आधारित हैं जो ‘अधूरी या अपूर्ण’ हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार सभी नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करने की अपनी भूमिका को बहुत गंभीरता से लेती है और इन अधिसूचनाओं की तह तक जाने के लिए जांच करेगी। ऐसी जानकारी और व्यापक अटकलों के आलोक में हमने एप्पल से कथित राज्य प्रायोजित हमलों पर वास्तविक, सटीक जानकारी के साथ जांच में शामिल होने के लिए भी कहा है।

केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि जिन लोगों को एप्पल सुरक्षा उल्लंघन की चेतावनी मिली है, उनसे अब सबूत साझा करने और हमले के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया जाएगा।

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