नई दिल्ली, । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पीएम गतिशक्ति के दो साल पूरे होने के अवसर पर नई दिल्ली में “पीएम गतिशक्ति का संग्रह” जारी किया। इस सार-संग्रह में देशभर में पीएम गतिशक्ति को अपनाने और उसके लाभों को दर्शाने वाले कुछ सर्वोत्तम उपयोग के मामले शामिल हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि पीएम गतिशक्ति पहल ने लगभग 7,000 किलोमीटर एक्सप्रेसवे की योजना बनाने में मुख्य भूमिका निभाई है। मंत्रालय के मुताबिक पिछले दो साल में इस पहल के तहत जीआईएस मानचित्रों के माध्यम से सर्वेक्षण में तेजी लाई जा रही है। इस सार-संग्रह में पीएम गतिशक्ति को अपनाने और इसके लाभों पर आठ अनुकरणीय उपयोग के मामलों पर प्रकाश डाला गया है।

मंत्रालय के मुताबिक इससे नई रेलवे लाइन के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) में तेजी आई है। इसके तहत वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 400 परियोजनाओं का एफएलएस हुआ जबकि इससे पिछले वर्ष में यह संख्या मात्र 57 थी। इस मंच ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के लिए विस्तृत सर्वेक्षण में भी मदद की है। इसके माध्यम से यह प्रक्रिया छह-नौ महीने से घटकर सिर्फ कुछ घंटों की हो गई है।

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